
बीएचयू में बवाल
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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में परिसर में अब इंट्रीग्रेटेड कमांड सेंटर बनेगा। इससे परिसर के हर हिस्से की निगरानी की जाएगी। इस सेंटर से आईआईटी बीएचयू कैंपस को भी जोड़ा जाएगा। यह फैसला गुरुवार को लिया गया।
आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ घटना के बाद बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड सदस्यों की एक आपात बैठक बुलाई और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय परिसर में भी आए दिन मारपीट, छेड़खानी, धरना प्रदर्शन की घटनाएं होती रहती हैं। इस तरह की गतिविधियों को देखते हुए ही सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू हुआ। सीसी कैमरा लगवाने और पेट्रोलिंग बढ़ाने का निर्णय लिया गया। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि परिसर में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती वाली जगह पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। विशेषकर छात्राओं के हॉस्टल और संवेदनशील जगहों पर रात के समय में पेट्रोलिंग में ज्यादा सतर्कता बरती जाएगी। सिगरा के कमांड सेंटर की तर्ज पर परिसर में सेंटर स्थापित करने के उद्देश्य से नए सिरे से योजना बनाई जाएगी।
घटना से नाराज आईआईटी बीएचयू के तकरीबन 1000 छात्र बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे धरने पर बैठ गए। 11 घंटे तक धरना चलता रहा। देर शाम जब आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर पीके जैन बातचीत करने कैंपस पहुंचे तो छात्रों ने उन्हें और कुछ टीचर्स को बंधक बना लिया।
दिनभर छात्रों ने पढ़ाई और शोध का काम नहीं होने दिया। साथ ही परिसर को असुरक्षित बताते हुए कुछ दिनों के लिए आईआईटी बंद करने और बाहरी लोगों का प्रवेश बंद करने की मांग भी की। उनकी मांग थी कि कैंपस में आने-जाने के सभी रास्तों को बंद कर दिया जाए और सुरक्षा बढ़ाई जाए। देर शाम आईआईटी प्रशासन ने उनकी मांगें मान लीं, जिसके बाद 9 बजे धरना खत्म हुआ। प्रशासन ने कैंपस में सीसीटीवी लगाने, बाउंड्रीवॉल बनाने और बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने का भी वादा किया है।