
भूकंप के बाद बाहर निकल आए लोग
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दिल्ली-एनसीआर के साथ ही 13 नवंबर को देर रात अलीगढ़ में भी ठीक एक महीने बाद 11 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के करीब दो मिनट तक रुक-रुककर तेज झटके महसूस किए गए। महानगर से लेकर देहात क्षेत्र में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। लोग घरों, प्रतिष्ठानों एवं दफ्तरों से बाहर निकल आए।
काफी देर तक लोग किसी अनहोनी की आशंका में घरों से बाहर ही घूमते रहे। इस दौरान पंखे, कुर्सी, मेज, समेत अन्य वस्तुएं हिलती हुई नजर आईं। देर रात तक लोग एक-दूसरे की फोन पर कुशलक्षेम जानते रहे। दूसरे शहरों में मौजूद रिश्तेदारों एवं परिचितों से भूकंप के झटकों के बारे में जानकारी लेते रहे। हालांकि भूकंप से कहीं भी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। अलीगढ़ में रेक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता करीब 5.5 थी। भूकंप के झटकों के बाद लोग टीवी और सोशल मीडिया पर संबधित जानकारी करने में लगे रहे।
महानगर के चेतन आश्रम की संचालिका पुनीता चेतन ने बताया कि भूकंप के दौरान काफी वस्तुएं हिल रही थीं। ऐसा महसूस हुआ कि कोई अनहोनी होने वाली है। गनीमत रही कि सब ठीक है। दुबे का पड़ाव के ललित वार्ष्णेय ने बताया कि वे घर में टीवी देख रहे थे तभी उन्होंने भूकंप के झटके महसूस किए। इस पर परिजनों के साथ घर से बाहर निकल आए। श्याम नगर के संजय शर्मा ने बताया कि पहले उन्हें लगा कि उन्हें चक्कर आ रहे हैं, लेकिन जब रसोई में कुछ बर्तन गिरने लगे। तब उन्हें भूकंप के झटके आने का अहसास हुआ। काफी देर तक डर लगता रहा। देवसैनी के नवनीत भारद्वाज एवं आरएएफ रोड के विनोद उपाध्याय ने बताया कि सोते समय उन्हें अचानक धरती घूमती हुई महसूस हुई। दूसरे परिजन भी अनहोनी की आशंका में जाग गए। टेलीविजन पर पता चला कि भूकंप आया था।
दिल्ली एवं एनसीआर में भूकंप की खबर टीवी पर देखकर या सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े कंटेंट आने से लोगों में भूकंप को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया जा रहा है। इससे पहले इसी वर्ष जनवरी, मार्च और अक्तूबर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 3 अक्तूबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, ठीक एक महीने बाद फिर से 3 नवंबर को भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।