
लगातार एक सीट से चुनाव लड़ने वाले नेता।
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इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले छह उम्मीदवारों ने कभी दूसरे विधानसभा क्षेत्रों से दावेदारी नहीं की और न ही पार्टी ने दूसरी सीटों से उन्हें टिकट दिया। चुनाव में सफलता मिले या असफलता, उन्होंने विधानसभा क्षेत्र नहीं छोड़ा। तीन उम्मीदवार तो लगातार एक ही क्षेत्र से तीन चार बार चुनाव जीत चुके है।
दसवीं बार सांवेर से मिला तुलसी को टिकट
तुलसी सिलावट दसवीं बार एक ही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे है। 9 चुनावों में से पांच बार वे जीत दर्ज करा चुके है। उसमें दो उपचुनाव भी शामिल है। तुलसी ने सबसे पहला चुनाव 1985 में जीता था। इसके बाद वे लगातार दो चुनाव हारे। भाजपा विधायक प्रकाश सोनकर के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सिलावट को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया। उन्होंने उपचुनाव जीता और फिर 2013 का चुनाव भी वे जीते। अब वे भाजपा में शामिल हो चुके है और लगातर दो बार पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है।
हार से हुई थी पटवारी की शुरूआत
राऊ से लगातार दो बार कांग्रेस विधायक रहे जीतू पटवारी ने पहला चुनाव वर्ष 2008 में लड़ा। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राऊ सीट पर हुआ पहला चुनाव भाजपा के जीतू जिराती ने जीता था। खातीबाहुल्य होने के कारण कांग्रेस की तरफ से लगातार चौथी बार पटवारी ही उम्मीदवार बने है। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के मधु वर्मा से है।
हार्डिया चौथी बार पांच नंबर सीट से उम्मीदवार
पांच नंबर विधानसभा सीट से महेंद्र हार्डिया विधायक रहे है। इस बार कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा नए चेहरे को मौका दे सकती है, लेकिन भाजपा ने फिर महेंद्र हार्डिया को ही उम्मीदवार बनाया। हार्डिया पहले नगर निगम की राजनीति में सक्रिय थे। वे एक बार पार्षद का चुनाव हार चुके है। भाजपा ने वर्ष 2008 में उन्हें पहली बार पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। इसके बाद लगातार वे टिकट पा रहे है।
हारने के बाद भी पटेल उम्मीदवार
देपालपुर के मतदाता 20 सालों में कभी एक ही पार्टी के उम्मीदवार को दोबारा मौका नहीं देते। वर्ष 2003 में मनोज पटेल को भाजपा ने टिकट दिया था, वे चुनाव जीत गए थे। वर्ष 2008 में दोबार वे चुनाव लड़े और हार गए, लेकिन वर्ष 2013 में फिर चुनाव जीते,लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस बार चुनाव में उन्हें फिर वेे भाजपा उम्मीदवार है।
इस बार वे फिर भाजपा उम्मीदवार है। चार नंबर विधानसभा सीट से भी मालिनी गौड़ लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रही है। 33 सालों से भाजपा गौड़ परिवार के सदस्य को टिकट दे रही है। इस परिवार के सदस्य ने किसी दूसरी सीट से चुनाव नहीं लड़ा।
दो नंबर विधानसभा सीट से रमेश मैंदोला लगातार चौथी बार मैदान में है। वे लगातार तीन चुनाव जीत चुके है। वे कभी किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़े, हालांकि पांच साल पहले उन्होंने तीन नंबर विधानसभा सीट से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दो नंबर सीट से ही उम्मीदवार बनाया।