
मालवा निमाड़ में कांग्रेस के बागी नहीं मान रहे हैं।
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मालवा निमाड़ की कई सीटों पर बाकी नेताओं को मनाने में कांग्रेस के दिग्गजों को पसीना आ गया है। बहुत मान मनोव्वल के बाद भी बागी मान नहीं रहे हैं। गुरुवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है और ऐसा लग रहा है कि ज्यादातर बागी मैदान छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
बागी नेताओं को मनाने के लिए कमलनाथ के साथ ही दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, भंवर जितेंद्र सिंह मोर्चा संभाले हुए हैं। बुधवार को इन्होंने बाकी नेताओं से संपर्क कर अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में मैदान छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन ज्यादातर ने इंकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक बागी उम्मीदवारों ने उन्हें मनाने में लगे नेताओं से राजनीतिक सौदेबाजी से भी परहेज नहीं किया। किसी ने कहा मैं नामांकन वापस लेने को तैयार हूं पर यदि सरकार बनती है तो मुझे निगम मंडल में अध्यक्ष का पद चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि हमें आयोग में पद चाहिए। कुछ उम्मीदवारों का कहना था कि हम नामांकन तो वापस नहीं लेंगे लेकिन चुनाव जीतने के बाद आपके साथ ही आएंगे।
इंदौर-उज्जैन संभाग के असंतुष्टों को बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी कुलदीप इंदौरा ने भी बुधवार से इंदौर में डेरा डाल दिया। वे बाकी नेताओं से लगातार संपर्क में हैं और इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि गुरुवार दोपहर तक ज्यादातर बागी नाम वापस ले लेंगे।
ये हैं कांग्रेस के बड़े बागी
बागी का नाम | विधानसभा सीट |
अंतर सिंह दरबार | महू |
कुलदीप सिंह बुंदेला | धार |
राधेश्याम मुवेल | मनावर |
महेंद्र परमार | तराना |
श्यामलाल जोगचंद | मल्हारगढ़ |
राजेंद्र सिंह सोलंकी | बड़नगर |
राजकुमार अहीर | जावद |
झाबुआ में कांग्रेस को बड़ी सफलता, जेवियर मेडा ने नामांकन वापस लिया
बागी उम्मीदवारों को मनाने के क्रम में कांग्रेस को बुधवार को बड़ी सफलता मिली। झाबुआ से बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेवियर मेडा कमलनाथ और रणदीप सिंह सुरजेवाला के समझाने के बाद नामांकन वापस लेने को तैयार हो गए। उन्होंने आज अपना नामांकन वापस ले लिया। जेवियर के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद झाबुआ से युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया की राह आसान हो गई है। यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष धन सिंह बरिया अभी भी मैदान में है। उनके मैदान में रहने के कारण भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी भानु भूरिया की परेशानी बढ़ सकती है।