Juggling to hide malaria figures: Deputy Director said - 1500 cases found in Balaghat, CMHO claims - 3000 case

मध्य प्रदेश के बालाघाट में बढ़ी मलेरिया मरीजों की संख्या
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग डेंगू के बाद मलेरिया रोकने में विफल साबित हो रहा है। इस नाकामी को छिपाने के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जुट गए हैं। आंकड़ों में बाजीगरी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के दावों की जिला स्तर के अधिकारी ही पोल खोल रहे हैं। बालाघाट जिले में इस साल भी मलेरिया के सबसे ज्यादा केस आए हैं। जिले के सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि उनके जिले में मलेरिया के 3000 केस अब तक मिल चुके हैं। यह संख्या पिछले साल मिले 2800 केस से ज्यादा है। वहीं, प्रदेश की राजधानी में स्वास्थ्य संचालनालय में बैठने वाले डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. हिमांशु जसवार ने बताया कि प्रदेश के आधे केस सिर्फ एक जिले बालाघाट में है। बालाघाट में मरीजों की संख्या 1500 है। एक विभाग के दो अधिकारियों के मरीजों के विरोधाभाषी आंकड़े से अब स्वास्थ्य व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। 

मलेरिया रोकथाम अभियान सवालों में 

बालाघाट जिले में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया रोकथाम के अभियान पर ही सवाल खड़े हो रहे है। जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में सालाना कीट सूचकांक 1 प्रतिशत से ज्यादा होता है, वहां पर मलेरिया फैलाने वाले मच्छर और उसके लार्वा को मारने के लिए स्प्रे किया जाता है। लार्वा का सर्वे और लोगों को जागरूक करने अभियान चलाया जाता है। अब एक जिले में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने से साफ है कि या तो स्प्रे में प्रयुक्त दवा की गुणवत्ता निम्न स्तर की है या फिर दवा का छिड़काव और लार्वा सर्वे कागजों में किया जा रहा है। 

इलाज पर भी उठ रहे सवाल

स्वास्थ्य के जानकारों का कहना है कि मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में उसके पैरासाइट होते हैं। इसके मरीज को मच्छर के काटने पर वह पैरासाइट स्वस्थ मरीज में ले जाकर उसे भी संक्रमित करता है। यदि मरीज का सही तरीके से इलाज ना हो तो क्षेत्र में मरीजों की संख्या बढ़ते जाएगी। ऐसे में जिले में मलेरिया के इलाज को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 

मच्छरदानी खरीदी में घोटाला

बालाघाट में मलेरिया की रोकथाम के लिए करीब पांच साल पहले मच्छरदानी खरीदी में घोटाले का मामला सामने आ चुका है। दरअसल मलेरिया की रोकथाम के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानी का उपयोग किया जाता है। इस पर मच्छर बैठने से हीमर जाता है। बालाघाट जिले में खरीदी मच्छरदानी लैब में जांच में निम्न गुणवत्ता की पाई गई थी। इस मामले में विभाग ने जांच शुरू की थी। अभी इस पर कार्रवाई पेंडिंग है। 

बालाघाट जिले में आधे केस 

स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. हिमांशु जसवार ने बताया कि प्रदेश में मिले कुल केस में आधे 1500 केस बालाघाट जिले में है। बाकी जगह केस की संख्या बहुत कम है। 

सीएमएचओ बोले-अब तक तीन हजार केस मिले

बालाघाट जिले के सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि जिले में अब तक तीन हजार केस मिले चुके है। जंगल क्षेत्र में अधिकतर गांव में लोग प्रभावित हैं। इसमें अधिकतर बिना लक्षण के मरीज हैं। लोगों को जल जमाव नहीं होने देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।



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