
मप्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त हो गई है
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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मप्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त हो गई है। आज दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापस लेना था जिसके बाद में स्थिति बहुत हद तक साफ हो चुकी है। नामांकन वापस लेने के बाद यह साफ हो चुका है कि किस सीट पर कौन चुनाव लड़ने वाला है। इससे निर्दलीय और बागी के रूप में लड़ रहे उम्मीदवारों की स्थिति भी साफ हो गई है। बड़े नामों में कांग्रेस से प्रेमचंद गुड्डु, राजेंद्र सिंह सोलंकी, श्यामलाल जोकचंद, राजकुमार अहीर हैं जिन्हें मनाने में पार्टी सफल नहीं हुई है। भाजपा रमेश मालवीय को मनाने में सफल हो गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत के बाद उन्होंने अपना नाम वापस लिया है। वहीं भाजपा पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई, बसंतीलाल मालवीय, पूरनमल अहीर अभी भी पार्टी उम्मीदवार के विरोध में।
उज्जैन में राजेंद्र को नहीं मना पाई कांग्रेस
सीटें – उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, नागदा- खाचरौद, महिदपुर, तराना, घट्टिया, बड़नगर
उज्जैन की बड़नगर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक बागी हैं। यहां पर भाजपा से पांच और कांग्रेस से छह बागी नेताओं ने नामांकन भरा है। भाजपा से पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई, शहीद समरसता मिशन से जुड़े व पूर्व सरपंच प्रकाश गौड़, पार्षद श्याम विशनवाणी, खरसौदकला मंडल अध्यक्ष कुलदीप राठौर, वरिष्ठ नेता कृष्णचंद यादव ने नामांकन दाखिल किया है। वहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक मुरली मोरवाल का टिकट काटकर पहले राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा था। विरोध के बाद इनकी जगह पर मोरवाल को फिर से मौका दे दिया। इस पर सोलंकी ने नाराजगी जताई और निर्दलीय पर्चा भर दिया। उज्जैन की बड़नगर विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी ने दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों को गहरी चिंता में डाल दिया है। जब वे निर्दलीय पर्चा भरने गए थे तब भी उनके साथ रैली में हजारों समर्थक पहुंचे थे।
रतलाम में रमेश को मुख्यमंत्री ने मनाया
सीटें – रतलाम ग्रामीण, आलोट, रतलाम शहर, सैलाना, जावरा
रतलाम के आलोट में भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार रमेश मालवीय ने अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करवाए जाने के बाद रमेश मालवीय ने अपने प्रस्तावकों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचकर नामांकन फॉर्म वापस ले लिया। रमेश मालवीय द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद आलोट में भाजपा के उम्मीदवार चिंतामणि मालवीय के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थी। वहीं, कांग्रेस से भी बगावत कर आलोट से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले प्रेमचंद गुड्डू अब भी चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। इस स्थिति में आलोट में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस की कलह का भाजपा उम्मीदवार को लाभ भी मिल सकता है। कांग्रेस ने यहां पर मनोज चावला को टिकट दिया है। वहीं जावरा में कांग्रेस को डीपी धाकड़ को मनाने में सफलता मिल गई है। उन्होंने नामांकन वापस ले लिया है।
मंदसौर में त्रिकोणीय मुकाबला तय
सीटें – मंदसौर, मल्हारगढ़, सुवासरा, गरोठ
मल्हारगढ़ सीट पर कांग्रेस के लिए बागी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। यहां पर कांग्रेस ने परशुराम सिसोदिया को टिकट दिया है जो पिछली बार 12 हजार वोट से हारे थे। श्यामलाल जोकचंद की अनदेखी कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने जब निर्दलीय पर्चा भरा था तभी वे अपने साथ 15 हजार से अधिक लोग लेकर पहुंचे थे। भाजपा ने यहां से जगदीश देवड़ा को टिकट दिया है। जिला पंचायत सदस्य बसंतीलाल मालवीय ने भी पर्चा भरा है वे भाजपा खेमे के माने जाते हैं।
नीमच में कांग्रेस और भाजपा का सीधा मुकाबला
सीटें – नीमच, मनासा, जावद
नीमच – नीमच विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला है। यहां दोनों ही दल से कोई बागी मैदान में नहीं है। भाजपा के वर्तमान विधायक दिलीप सिंह परिहार पर पार्टी ने चौथी बार भरोसा जताकर प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने भी उमराव सिंह गुर्जर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
मनासा – यहां भाजपा ने वर्तमान विधायक अनिरुद्ध मारू को अपना उम्मीदवार बनाया है। मारू को टिकट दिए जाने से भाजपा का एक धड़ा काफी नाराज है। भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री कैलाश चावला, पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा और जिला महामंत्री राजेश लढा ने बागी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र नाहटा को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
जावद – यहां भाजपा ने कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को और कांग्रेस ने समंदर पटेल को उम्मीदवार बनाया है। मगर कांग्रेस से एक बार फिर राजकुमार अहीर बागी के रूप में आज नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। वहीं भाजपा से पूरनमल अहीर सकलेचा का विरोध कर रहे हैं। वे काफी लोकप्रिय भी हैं।
इन सीटों पर नहीं दिखेगा बागियों का असर
उज्जैन संभाग की देवास, आगर-मालवा और शाजापुर सीटों पर बागियों का ज्यादा असर नहीं दिखेगा। यहां पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां पर कोई भी दमदार निर्दलीय नहीं है जो वोटरों को अधिक प्रभावित कर सके।
देवास – हाटपिपल्या, देवास, सोनकच्छ, खातेगांव, बागली
आगर – मालवा – आगर, सुसनेर
शाजापुर – शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल