
शवदाह की जगह पर भी लोगों ने छठ पूजा के लिए घेराबंदी कर दी है।
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प्रतिमा विसर्जन के बाद अब छठ पर कमाई को लेकर होड़ मची है। धंधेबाजों ने राजघाट से लेकर तालाबों तक की जमीन पर अपने निशान लगा दिए हैं। श्मशान घाट तक को नहीं छोड़ा है। जमीन घेरकर जली लकड़ी के अवशेषों से उस पर कब्जा कर लिया गया है। अलग-अलग तरीके से बाड़े बनाए हैं।
कुछ धंधेबाजों ने घाटों-तालाबों के पास बांस और लकड़ी के टुकड़े जमीन में धंसाकर उसमें रस्सी बाध दी है। तो कुछ ने बाकायदा घाट किनारे की जमीन कब्जा कर वहां अपना नाम और मोबाइल नंबर लिख दिया है। कहीं एमआरडीजे लिखा मिला तो दूसरी जगह गुज्जर। यह भी लिखा है कि वेदी चाहिए तो मोबाइल नंबर पर संपर्क करें…।
दिवाली के छठवें दिन से छठ पूजा शुरू होगी, लेकिन इसकी तैयारियां अभी से होने लगी हैं। कमाई की इस होड़ का फायदा धंधेबाजों ने भी उठाना शुरू कर दिया है। वे जगह-जगह जमीन को घेरकर अभी से कब्जा करने में जुटे हैं। खबर है कि दिवाली बाद जब यह होड़ चरम पर होगी तो जमीन के लिए बोली लगाकर धंधेबाज मोटा मुनाफा कमाएंगे।
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