Radha krishna marriage bhandir van bansi vat vrindavan mathura

भांडीरवन
– फोटो : अमर उजाला

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श्रीकृष्ण और राधा यह बेशक दो नाम हैं। मगर, एक शरीर, एक जान। कहा जाता है कि राधा जी, श्रीकृष्ण की प्रेयसी हैं। कृष्ण ने उनसे शादी नहीं की। मगर, मथुरा के मांट क्षेत्र में स्थित भांडीरवन में राधा-कृष्ण के प्रगाढ़ प्रेम के अध्याय का हर आखर साक्षात हो उठता है। यह वन गवाही देता है कि राधा जी की मांग में सिंदूर भर श्रीकृष्ण ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी बनाया था। ब्रह्माजी ने विवाह में पंडित और राधा जी के पिता की भूमिका अदा की थी। यही कारण हैं गौड़ीय मत से दीक्षित श्रीमती राधा कहते हैं।

मथुरा शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर मांट के गांव छांहरी के पास यमुना किनारे बसा भांडीरवन के मंदिर में श्री जी और श्याम की अनूप जोड़ी है। जिसमें कृष्ण का दाहिना हाथ अपनी प्रियतमा राधा की मांग भरने का भाव प्रदर्शित कर रहा है। मंदिर के सामने प्राचीन वट वृक्ष है। जनश्रुति है कि इसी वृक्ष के नीचे राधा-कृष्ण का विवाह हुआ था। वट वृक्ष के नीचे बने मंदिर में राधा-कृष्ण और ब्रह्मा जी विराजमान हैं।



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