वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार, बुधवार को कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि का मान संपूर्ण दिन और रात को 10 बजकर 59 मिनट तक, मृगशिरा नक्षत्र संपूर्ण दिन और रात में है। इस दिन शिव और सिद्ध दोनों उत्तम योग है।
डॉ. जोखन पांडेय शास्त्री के अनुसार, सूर्योदय से पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन निर्जल व्रत रख शाम को भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का पूजन करें। करवा में लड्डू रखकर नैवेद्य अर्पित करें। एक लोटा, एक वस्त्र और दक्षिणा समर्पण करें। सविधि पूजन करें। करवा चौथ की कथा सुनें या स्वयं वाचन करें। चंद्रमा के उदय होने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान करें। इसके पश्चात ब्राह्मण सुहागिनों को भोजन कराएं, फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें।
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बाजार रहे गुलजार
करवा चौथ को लेकर मंगलवार को बाजार गुलजार नजर आए। सुहागिनों से साड़ियों और शृंगार के सामानों के साथ पूजन सामग्रियां की खरीदारी की। असुरन चौक, आर्यनगर, मोहद्दीपुर, घंटाघर, गोरखनाथ, बेतियाहाता सहित तमाम बाजारों में ठेलों पर करवा, दीये, सीक, चलनी के साथ ही पूजन विधि व कहानी की किताबें बिकती दिखीं।