Gayatri Parivar navdampati sammelan in Ujjain to teach them how to be in fruitful relationship

गायत्री परिवार के नवदंपति सम्मेलन में शामिल नवदंपति।
– फोटो : अमर उजाला

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 वर्तमान समय मे नवदंपतियों के बीच किसी न किसी भी बात को लेकर टकराव की स्थिति बनती है। यह देखते ही देखते एक बड़े विवाद का कारण बन जाती है। कुछ मामलों में तो बड़ों की सीख पर ऐसे विवादों को समाप्त कर दिया जाता है लेकिन कुछ मामलों मे परिवारों का विघटन और रिश्ते तलाक तक पहुंच जाते हैं। नवदंपतियों के बीच ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए गायत्री शक्तिपीठ की ओर से इसी वर्ष से अभिनव संस्कार सत् प्रवृत्ति संवर्धन सामूहिक रूप से करवाया जा रहा है। इससे कोशिश की जा रही है कि नवदंपतियों को शादी के समय लिए गए सभी वचन याद रहे। वे इनका पालन भी करें। धार्मिक नगरी उज्जैन में यह नवदंपति सम्मेलन गायत्री शक्तिपीठ पर आयोजित किया गया।  

गायत्री परिवार के देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि महाकाल की नगरी से नवदंपति सम्मेलन में अभिनव सत् प्रवृत्ति संवर्धन संस्कार की शुरुआत की गई है। गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से पिछले सप्ताह ही इस संस्कार की कार्ययोजना बनाई गई। देश में पहली बार उज्जैन शक्तिपीठ पर इसे सामूहिक रूप से आयोजित किया गया। दंपत्तियों को संक्षिप्त कर्मकांड के माध्यम से उनके विवाह संस्कार का स्मरण कराते हुए दाम्पत्य जीवन के व्यवहारिक सूत्रों का स्मरण कराते हुए उनके द्वारा दिए गए वचनों को स्मरण कराया गया। यहां पर उपस्थित दंपतियों के बीच 16 संस्कारों के अतिरिक्त एक अभिनव संस्कार सत् प्रवृत्ति संवर्धन को सामूहिक रूप से कराया गया है।  

विवाद नहीं संवाद कीजिए इससे समाधान होता हैः शर्मा

गलती को जस्टिफाई नहीं स्वीकार किया जाना चाहिए। जीवन साथी को समय दें, सम्मान दें। विवाद नहीं संवाद कीजिए। संवाद से समाधान होता है। यह उद्गार कृष्णा शर्मा गायत्री परिवार के प्रांतीय समन्वयक शिक्षा आंदोलन ने गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर नवदंपति सम्मेलन में आए दंपतियों के मार्गदर्शन में व्यक्त किए। विवाद को टालना चाहिए। इसके लिए एक पक्ष को मृदु (मुलायम) हो जाना चाहिए। एक गेंद को प्रयुक्त करते हुए अपने पहले इसे सख्त फर्श पर उछाला फिर गद्दे पर उछाला और मुलायम गद्दे की तरह वेग को सहने वाला बनने का आव्हान किया। 

सोशल मीडिया के माध्यम से दिया जाता रहेगा मार्गदर्शन

दंपतियों से उनके दाम्पत्य जीवन की समस्याओं और उनकी भावी योजनाओं की जानकारी ली गई। इसके आधार पर उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जाता रहेगा। सम्मेलन को शिरीश टिल्लू, महेश कानडे, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। डॉ सतीश गोथरवाल की संगीत टोली ने गीत एवं मंत्रोच्चार किया। नरेंद्र सिंह सिकरवार ने संचालन किया।

उज्जैन से निलेश नागर की रिपोर्ट



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