
सत्ता के संग्राम में जुटे वक्ता।
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को कवर करने के लिए अमर उजाला के रथ ‘सत्ता का संग्राम’ ने शिवपुरी का रूख किया। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों से शिवपुरी वासियों के किस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाएंगी आदि सवाल पूछे गए।
राजनीतिक दलों के पास वोट मांगने को लेकर क्या ठोस कारण हैं, किस वजह से वे चुनाव में खड़े हुए हैं। इन्हीं सब सवालों पर नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
भाजपा ने कहा- ये कुर्सी की लड़ाई नहीं है
शिवपुरी के तात्या टोपे पार्क में ‘अमर उजाला’ के कार्यक्रम ‘सत्ता के संग्राम’ में शामिल हुए भाजपा जिला मीडिया संयोजक अजय गौतम ने कहा कि शिवपुरी की जनता विकास, राष्ट्रवाद, उदारवाद और लोक कल्याण के मुद्दे पर वोट करने जा रही है। गौतम ने कहा कि तात्या टोपे जैसे हजारों लाखों लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी, जब इस देश का हमने संविधान पाया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना पर खरा उतरने का काम सिर्फ भाजपा कर रही है। चाहे वह केंद्र की मोदी या फिर प्रदेश की शिवराज सरकार हो। हम जनता के बीच में जनमत लेकर निकले हैं। हमारे लिए ये दिलों को जीतने का संग्रााम है, कुर्सी की लड़ाई नहीं है।
वहीं, कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि इन लोगों का छद्म राष्ट्रवाद है। रानी लक्ष्मी बाई शहीद हुईं, उसमें सिंधिया खानदान शामिल था। इनके कारण हमें आजादी मिलने में 90 साल और लग गए। यहां की विधायक यशोदरा राजे सिंधिया सरकार में उद्योग और रोजगार मंत्री रहीं। उन्होंने उद्योग और रोजगार मंत्री रहते यहां कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे लोगों को रोजगार मिलता। इन्हीं कारणों के चलते उन्हें यहां से भागना पड़ा। वे हार के डर से चुनाव नहीं लड़ पाईं। यहां की जतना विकास चाहती है। इसलिए वह साफ छवि के नेता को चुनना चाहती है।