
गृहमंत्री अमित शाह।
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ग्वालियर चंबल को लेकर भारतीय जनता पार्टी कितनी परेशान और गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के सबसे ताकतवर नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्वालियर में सिर्फ 19 दिन में दो बार आ चुके हैं, जबकि गृहमंत्री अमित शाह बीते तीन माह से हर माह ही ग्वालियर आ रहे हैं। वे आज यानी 30 अक्टूबर को फिर ग्वालियर आ रहे हैं। इस बार भी वे वोटर्स के बीच नहीं जाएंगे सिर्फ पार्टी के नेताओं से मिलकर उनकी नाराजी दूर करेंगे, संगठन के लोगों को चुनाव कार्य में जुटने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
यह कार्यक्रम आनन-फानन में तैयार हुआ है, क्योंकि पार्टी के पास फीडबैक है कि उम्मीदवार घोषित हो जाने के बावजूद कार्यकर्ता प्रचार अभियान के लिए घर से नहीं निकल पा रहा है। अंचल के पार्टी के बड़े नेता केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर को पार्टी ने दिमनी क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा दिया है और वे वही उलझे हैं। वे अन्य जगह ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं।
फिलहाल पूरी कमान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही संभाल रखी है। सूत्रों के अनुसार अमित शाह विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचेंगे। वहां से वे सड़क मार्ग से सिटी सेंटर स्थित होटल रेडिसन ब्ल्यू पहुंचेंगे जहां ग्वालियर-चम्बल संभाग के संगठन से जुड़े पदाधिकारियों, नेताओं नेताओं की बैठक लेंगे। इस दौरान वे कुछ लोगों के साथ वन-टू-वन भी करेंगे। वे जीत के लिए मंत्र देंगे और कुछ नाराज और ऐसे नेताओं से भी बात कर सकते हैं, जिन्हें टिकट नहीं दिया गया है। इस बैठक में केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा सहित अंचल के सभी घोषित प्रत्याशी भी मौजूद रहेंगे। शाह हर सीट का फीडबैक लेकर ग्वालियर पहुंच रहे हैं।
2018 में प्रदर्शन काफी खराब रहा
ग्वालियर चंबल अंचल में 2018 में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। यहां की 34 विधानसभा सीटों में से भाजपा सिर्फ सात सीटें जीत सकी थी। कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत हासिल करके न केवल सबको चौंका दिया था बल्कि प्रदेश की 15 साल पुरानी भाजपा की मजबूत सरकार को भी हटा दिया था। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन गयी थी। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने समर्थकों के साथ किये गए विद्रोह के कारण कमलनाथ सरकार महज 15 महीनों में ही गिर गई थी, लेकिन इस बार भी अंचल में भाजपा की हालत अच्छी नहीं है। अभी तक जितने भी आंतरिक और टीवी सर्वे आये हैं, उनमें इस अंचल में भाजपा यहां बुरी तरह पिछड़ी है और कांग्रेस को निर्णायक बढ़त बनाए हुए है। इससे भाजपा परेशान हैं।
19 दिन में दो बार ग्वालियर आए प्रधानमंत्री
अब तक विभिन्न स्रोत से मिल रहे फीडबैक पर भाजपा लगातार निगाह रखे हुए और लगातार कोशिश कर रही है कि हालातों को हर हाल में अनुकूल बनाएं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महज 19 दिन में दो बार ग्वालियर में दौरा कर चुके हैं। वे पहले दो अक्टूबर को ग्वालियर आये थे और मेला मैदान में करोड़ों की लागत की योजनाओं का शिलान्यास और भूमि पूजन किया था और हितग्राहियों के बहाने बड़ी सभा को संबोधित किया था। इसके बाद 19 अक्टूबर को वे सिंधिया स्कूल के 125वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने ग्वालियर पहुंचे थे।
चंबल के आठ जिलों के पार्टी प्रमुखों की बैठक लेंगे शाह
भाजपा सूत्रों का कहना है कि शाह ग्वालियर चंबल के आठ जिलों के पार्टी प्रमुखों की बैठक लेंगे। वे चुनाव को लेकर अब तक की गई तैयारियों की जानकारी लेकर आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगे और उसे अंतिम रूप भी देंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सभी जिलों के जिला अध्यक्ष, महामंत्री, चुनावों के लिए बनाए गए जिला संयोजक, विधानसभा संयोजक, प्रवासी प्रभारियों को बुलाया जा रहा है। अंचल के नाराज नेताओं को मनाने की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी, ताकि बगावत कम हो सके।