
बीजेपी के संभागीय कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान प्रत्याशी मोहन यादव के साथ संत अवधेशपुरी महाराज
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान तमाम राजनीतिक पार्टियों के अंदर उथल-पुथल देखने को मिल ही रही है। इसी बीच उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मोहन यादव के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान करने वाले संत अवधेशपुरी महाराज अब अपनी कही हुई बात से पलट गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा तो हिंदुत्व का विरोध करने वाली पार्टियों को फायदा होगा। इसलिए मैंने चुनाव लड़ने का अपना निर्णय बदल लिया है। इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि भाजपा ने उज्जैन दक्षिण सीट पर खतरा देखते हुए गजब का डैमेज कंट्रोल किया है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय पर रविवार को एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई थी। लेकिन किसी को भी यह पता नहीं था कि आखिर पत्रकार वार्ता भाजपा प्रत्याशी मोहन यादव क्यों लेने वाले हैं। निर्धारित समय होने पर उज्जैन दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मोहन यादव भाजपा के संभागीय कार्यालय पर पहुंचे। लेकिन इस दौरान उनके साथ संत अवधेशपुरी महाराज भी मौजूद थे।
‘मेरी शिकायत भाजपा से थी’
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मोहन यादव ने तो कुछ नहीं कहा। लेकिन अवधेशपुरी महाराज ने जब बोलना शुरू किया तो सबसे पहले उन्होंने यही कहा कि मोहन जी से मेरा कोई विरोध नहीं है और न ही मैंने कभी उनसे कोई लड़ाई की है। मेरी शिकायत भारतीय जनता पार्टी से थी जिसे मैंने वरिष्ठों तक पहुंचाया था। इस दौरान आपने कहा कि अगर मैं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ता तो इसका सबसे अधिक लाभ उन विरोधी पार्टियों को होता जो कि धर्म पर आघात कर रही हैं।
पत्रकारों के सवाल पर संत ने साधी चुप्पी
अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि मैं हिंदू विरोधी पार्टियों का समर्थन नहीं करता। अब मैं भारतीय जनता पार्टी को जिताने और इसी पार्टी को वोट दिलाने के लिए संकल्पित हूं। पत्रकारों ने जब अवधेशपुरी महाराज से पूछा कि कल तो आपने कई महामंडलेश्वर और संतों का समर्थन होने की बात कहकर निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा था। इस सवाल पर अवधेशपुरी महाराज निरुत्तर हो गए। पत्रकारों ने उनसे और भी सवाल पूछने का प्रयास किया। लेकिन हो-हल्ले के बीच यह पत्रकार वार्ता समाप्त हो गई। फिर कुछ ही देर बाद संत अवधेशपुरी इस पत्रकार वार्ता स्थल पर भी कहीं दिखाई नहीं दिए।
बीजेपी के खिलाफ खोला था मोर्चा
दरअसल, सिंहस्थ भूमि का अवैध अतिक्रमण, उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करना, क्षिप्रा शुद्धिकरण, महाकाल में दर्शन शुल्क व वीआईपी कल्चर का विरोध, सप्त सागर और 84 महादेव का विकास, युवाओं व महिलाओं को रोजगार व किसानों को खाद बिजली व उपज का उचित मूल्य, निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क न्याय और निःशुल्क चिकित्सा आदि मुद्दों को लेकर संत अवधेशपुरी महाराज ने दो दिन पहले मीडिया को बताया था कि भारतीय जनता पार्टी रावण की पूजा करने वाले और रामायण को जलाने वालों को टिकट दे सकती है। लेकिन हम जैसे संतों को विधानसभा चुनाव में मौका नहीं दिया जा रहा है।
लेकिन संत अपनी ही बात से पलट गए
इसको लेकर उन्होंने इस बार उज्जैन दक्षिण से निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही थी। यह भी बताया था कि 30 अक्टूबर सोमवार को वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दर्ज करवाएंगे। इस घोषणा के साथ उन्होंने आधा दर्जन से अधिक महामंडलेश्वर व साधु संतों का आशीर्वाद और समर्थन होने की बात भी कही थी। लेकिन इस पूरे मामले में आज उस समय एक बड़ा मोड़ आ गया जब अवधेशपुरी महाराज फ्रीगंज स्थित भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय पर पहुंचे। फिर वहां उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने से मना करते हुए भारतीय जनता पार्टी के लिए ही प्रचार करने की बात कही।