MP Election 2023: Scindia's taunt on Digvijay; Says Congress curses EVMs when there are signs of defeat

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
– फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है और राजनीतिक दल के नेता बयानों के हथौड़े एक दूसरे पर बरसा रहे हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीन में गड़बड़ी को लेकर बयान दिया था। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मंदिर आने-जाने को लेकर बीजेपी में घबराहट की बात कही थी। इन दोनों ही बातों का जवाब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान दिया।

‘कांग्रेस अपनी हार मान चुकी है’

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि केवल थोड़ी देर के लिए ईवीएम में पर्ची नजर आती है। उसके बाद हमारा वोट कहां गया हमें नहीं पता होता। इस बयान पर सिंधिया ने पलटवार कर कहा कि जब-जब कांग्रेस को हार के संकेत मिलने लगते हैं, तो वह जनता को कोसती है, डब्बे को कोसती है और सभी को कोसती है। अगर राजा साहब ने यह जो कहा है तो इसका मतलब स्पष्ट है कि कांग्रेस मान चुकी है कि वह यह चुनाव हार चुकी है। उन्होंने कहा कि इस तरह भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है। आप मुझे जानते हैं। मैं कोई राजनीतिक ज्योतिष नहीं हूं। लेकिन मैं बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता हूं। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा सरकार बना रही है। हम पांचवीं बार प्रदेश में जनता के आशीर्वाद और जनता की सेवा के लिए सरकार बनाएंगे। वही सरकार जनता की सेवा के लिए चलेगी।

‘मंदिर जाना या न जाना राजनीतिक मुद्दा नहीं’

हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साक्षात्कार के दौरान कहा था कि जब भी हम मंदिर जाने लगते हैं तो भाजपा घबराने लगती है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब जो लोग केवल चुनावी समय में मंदिर जाते हैं, उससे हमें घबराने या न घबराने का कोई मतलब ही नहीं है। मंदिर जाना या न जाना यह राजनीतिक मुद्दा नहीं, यह आपकी अंतरात्मा की आवाज और पुकार है। पर यह तो बड़ा अजीब संयोग है कि चुनाव आते ही अमरकंटक से ओंकारेश्वर तक, ओंकारेश्वर से महाकाल तक, महाकाल से कोटेश्वर तक, कोटेश्वर से पीतांबरा पीठ तक और पीतांबरा पीठ से ओरछा रामराजा तक सब दूर कांग्रेस के नेता नजर आते हैं। पांच साल में सारे के सारे गायब हो जाते हैं।

कांग्रेस के दस साल के शासन पर उठाए सवाल

सिंधिया ने पूछा कि कांग्रेस के पास 10 साल थे तो राम मंदिर क्यों नहीं बनाया? कांग्रेस के पास 10 साल थे तो कांग्रेस ने उज्जैन में महाकाल लोक क्यों नहीं बनाया? कांग्रेस के पास 10 साल थे तो कांग्रेस ने संत रविदास जी का मंदिर क्यों नहीं बनाया? कांग्रेस के पास 10 साल थे तो कांग्रेस ने आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा जी के नाम पर जनजातीय दिवस क्यों नहीं आयोजित किया? अब बरसाती समय में उछल-उछल कर कुएं से भाग उतरने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भैया जनता सब जानती है।



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