
विद्यापीठ चौराहा पर भीड के बीच बांकेबिहारी मंदिर की ओर जाने के लिए मशक्कत करते श्रद्धालु।
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तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा पर शनिवार को आराध्य के श्वेत वस्त्र में भक्तों को दर्शन हुए। महारास के कटि काछनी वस्त्र, सिर पर मोर मुकुट और होठों पर मुरली धारण कर बांकेबिहारी महाराज के भक्तों को मनोहारी दर्शन हुए। वर्ष में एक बार इन विशेष दर्शनों की एक झलक पाने को भक्तों का उमड़ पड़े।
ठॉ. बांकेबिहारी मंदिर में आराध्यदेव प्रभु बांकेबिहारी की विशेष पूजा-अर्चना की। प्रभु दर्शन के लिए पट खुलते ही देश-विदेशों से आए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर में शरद पूर्णिमा की अद्भुत छटा भक्तों को दर्शन के दौरान देखने को मिली।
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प्रभु ने भक्तों को शरद पूर्णिमा के दिन विशेष पोशाक कमर पर बंधी कटि काछनी में दर्शन दिए। रात में सूर्यग्रहण के कारण शाम से ही सूतक होने पर दोपहर साढ़े तीन बजे तक ही ठाकुरजी की शयन आरती हुई और पट बंद हो गए।
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मंदिर के सह प्रबंधक उमेश सारस्वत व सेवाधिकारी रजत गोस्वामी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन ठाकुरजी महारास के दर्शन भक्तों को देते हैं। उनको चंद्र कला और मेवाओं की खीर का भोग सेवित किया गया।