
फलमंडी के सामने उड़ रही धूल।
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विस्तार
गोरखपुर में ओस की बूंदों की चलते हवा में नमी बढ़ गई है। सड़क पर उड़ती धूल वायुमंडल में ऊपर तक नहीं जा पा रही है। इसके चलते करीब 300 मीटर की ऊंचाई पर धूल एक परत सी जमी है। देखने में तो यह धुंध और कोहरे जैसा है, लेकिन यह वास्तव में धूल के कण हैं। पर, यह सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक हैं। इससे सांस, हृदव व त्वचा संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में बीमार व बुजुर्ग लोग मार्निंग वॉक में सतर्कता बरतनी चाहिए।
शहर में सिक्सलेन, फोरलेन, फ्लाईओवर सहित करीब आधा दर्जन निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन जगहों पर मिट्टी पटाई, खोदाई सहित अन्य गतिविधियों की वजह से खूब धूल उड़ रही है। निर्माण स्थलों के साथ-साथ मोहल्लों में हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। शहर में पैडलेगंज से नौसड़ तक सिक्सलेन रोड और टीपी नगर से देवरिया बाईपास तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। पानी का छिड़काव नहीं होने से धूल मिट्टी से राहगीर तो परेशान हैं ही ट्रैफिक पुलिस वालों को भी काफी असुविधा हो रही है।
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एक्सपर्ट की राय
सर्दी का मौसम आ रहा है। हवा में धूल के बारीक कणों की तादाद बढ़ती जा रही है। हवा में धीरे-धीरे धुंध और कोहरे का असर बढ़ेगा। इस मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है। धूल के बारीक कण आपस में चिपक जाते हैं। इससे उनका प्रसार नहीं हो पाता है। इस वजह से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। ऐसे में टहलने जाने वाले लोगों को भी सावधानी बरतनी होगी। -प्रो. गोविंद पांडेय, पर्यावरणविद्।