
सत्ता का संग्राम
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मध्यप्रदेश के मुरैना से शुरू हुई अमर उजाला की चुनावी यात्रा आज (27 अक्तूबर) भिंड पहुंच गई है। अमर उजाला ने आम लोगों से सुबह चाय पर चर्चा कर चुनावी मुद्दों को जाना था। अब सत्ता के संग्राम में क्षेत्र के युवा वोटर अपनी बात रख रहे हैं।
इमरान खान कहते हैं कि मतदान के समय हम ये सोचकर वोट डालते हैं कि जिस स्थिति में हम हैं, अगले पांच साल हमें उससे बेहतर स्थिति मिलेगा, लेकिन चुनावों के बाद ऐसा नहीं होगा। अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है, गंभीर मरीजों को ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है। मरीजों की मौत हो जाती है। यहां बीए, एलएलबी के अलावा किसी डिग्री की सुविधा नहीं हैं, छात्रों को शिक्षा के लिए ग्वालियर का रुख करना पड़ता है। जनप्रतिनिधि शिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं देते। सत्यवीर यादव कहते हैं कि इस बार बदलाव की लहर है।
अमर उजाला से चर्चा में प्रदीप सिंह भदौरिया ने कहा कि शिक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा है। इस पर कोई बात नहीं करता। भिंड में कोई बड़ी यूनिवर्सिटी नहीं है, जिसके चलते छात्रों को बाहर जाकर पढ़ाई करना पड़ती है।
उमरी के नीरज यादव कहते हैं कि भिंड क्षेत्र में शिक्षा की स्थित बदहाल है। शिक्षक स्कूल नहीं आते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल भी बेहद खराब है। डॉक्टर नहीं हैं, जो हैं वो आते नहीं हैं।
शिवांश शर्मा कहते हैं कि हमारे क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा ये है यहां शिक्षा की प्राथमिक व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी कॉलेज में प्राचार्य की व्यवस्था नहीं है। छात्रों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। भिंड का प्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जिसके शासन काल में शांति रहे।