
Chandra Grahan
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चंद्रग्रहण का प्रभाव संपूर्ण विश्वपटल पर पड़ेगा। वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्तूबर को पड़ेगा और यह भारत में भी नजर आएगा। ग्रहण के नौ घंटे पहले ही सूतक काल आरंभ हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और धार्मिक गतिविधियां भी नहीं होंगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट शयन आरती के बाद और मां अन्नपूर्णा मंदिर का कपाट रात्रि में बंद किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि 28/29 अक्तूबर को लगने वाला खंडग्रास चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य होगा। काशी में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05, मध्य रात्रि में 1:44 पर एवं मोक्ष 2: 23 पर होगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की परंपरा अनुसार ग्रहण काल के दो घंटे पूर्व मंदिर का कपाट बंद होने की परंपरा रही है। 28 अक्तूबर में होने वाले समस्त आरती अपने समय पर होंगी। रात्रि शृंगार आरती में बाबा को फल का भोग लगेगा। शयन आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह सहित संपूर्ण विग्रहों की सफाई के बाद बाबा विश्वनाथजी को बिल्वपत्र चढ़ाकर मंदिर का कपाट बंद होगा। 29 अक्तूबर को प्रातः काल में 2:30 से 3:00 बजे तक मोक्ष पूजा होगी। उसके बाद 3:00 बजे से 4:00 बजे मंगल आरती होगी। मंगला आरती के पश्चात 4:15 बजे संपूर्ण आम भक्तों के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा।