
रावण को लगी प्यास, पी कोल्ड ड्रिंक
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डोली भूमि गिरत दसकंधर। छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर॥धरनि परेउ द्वौ खंड बढ़ाई। चापि भालु मर्कट समुदाई… जिलेभर में विजयदशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया और बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए। इस दौरान समूचा वातावरण जय श्रीराम के जयघोषों से गुंजायमान हो गया। नयनाभिराम आतिशबाजी से आसमान भी सतरंगी हो उठा।
शहर में रावण दहन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग रामलीला मैदान पहुंचे। रणभेरी बजते ही श्रीराम और दशानन की सेनाएं जैसे ही नजदीक आईं, दोनों में घनघोर युद्ध हुआ। इसके बाद रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। इसके साथ ही श्रीराम की सेना में विजय घोष के साथ जय श्रीराम के जयकारे लगने लगे। श्रीराम ने दशानन की नाभि में तीर से प्रहार किया, तो उसमें से अमृत छलका और मुख से जयश्रीराम कहते हुए रावण धड़ाम हो गया। रावण दहन की लीला को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आस-पास के घरों की छतों पर डटे रहे। इस दौरान पुलिस- प्रशासन भी चौकन्ना रहा। भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रखा गया था।
भगवान राम-लक्ष्मण की आरती से शोभायात्रा का शुभारंभ
रामलीला मैदान से शुरू हुई शोभायात्रा का भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान एवं काली माता की आरती उतारकर शुभारंभ किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, भाजपा नेता श्योराज सिंह, प्रवीण राज सिंह एवं श्री रामलीला गोशाला कमेटी के मुख्य संयोजक एवं अध्यक्ष विमल अग्रवाल, सचिव अरविंद अग्रवाल, विक्रांत गर्ग, ऋषभ गर्ग, संयम पाराशर, अन्नू बीड़ी, मीडिया प्रभारी गुंजित वार्ष्णेय, सीए पीयूष अग्रवाल, राजेश गर्ग आदि ने संयुक्त रूप से शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाई। शोभायात्रा में 50 से अधिक नयनाभिराम झांकियां शामिल थीं। बैंडबाजों के साथ ढ़ोल, डीजे के साथ भक्तजन जयकारे लगाते चल रहे थे।
पुष्पवर्षा कर जोशीला स्वागत
रामलीला मैदान से शुरू हुई शोभायात्रा अचल ताल, मदार गेट, दुबे का पड़ाव, गांधीपार्क, मामू भांजा, पत्थर बाजार, बारहद्वारी, शिवपुरी, रघुवीरपुरी रोड होते हुए नुमाइश मैदान पहुंची। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा एवं आरती उतारकर स्वागत किया गया। मामू भांजा से निकली मां काली की शोभायात्रा में लोगों ने आरती उतारी।रावण वध के बाद कमेटी के पदाधिकारियों ने भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान की आरती उतार कर स्वागत किया। तत्पश्चात भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ रथ पर बैठकर नगर भ्रमण पर निकल पड़े। नगर भ्रमण के दौरान नगरवासियों ने स्वरूपों का माल्यार्पण किया एवं आरती उतारी।