
शहीद दिवस कार्यक्रम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मैं, प्रदेश की जनता, पुलिस प्रशासन और सम्पूर्ण समाज आपके साथ है। समाज में शांति सद्भाव और भाईचारे के वातावरण को मजबूत रखने से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। ये भरोसा मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शहीदों के परिजनों को दिलाया। उन्होंने कहा कि पुलिस असामाजिक तत्व एवं राष्ट्र द्रोही ताकतों का पूरी कठोरता के साथ दमन करें। यह भी सुनिश्चित करें कि आमजन स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। कभी किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं हो।
बता दें कि राज्यपाल पटेल शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में लाल परेड मैदान स्थित शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश और प्रदेश के सभी शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा भी मौजूद थे।
एमपी पुलिस देश के श्रेष्ठ बल
राज्यपाल पटेल ने पुलिस बल का आव्हान किया कि अपने अमर शहीद साथियों की शहादत से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। पुलिस समाज का अभिन्न अंग है। उसकी सक्रिय भागीदारी के साथ ही विकास की सोच फलीभूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस की उपलब्धियां सराहनीय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों को और बेहतरी के साथ जारी रखना होगा। अपराधों की त्वरित विवेचना और अपराधियों को सजा दिलाने में वृद्धि प्रदेश पुलिस की सक्रियता से ही संभव हुई है। यह गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश पुलिस की गणना देश के श्रेष्ठ बलों में की जाती है, जो पहचान पुलिस के जांबाज जवानों ने स्थापित की है, उसे और अधिक निखारने की दिशा में सदैव तत्पर रहें।
कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना होगा
पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा पूर्ण मुस्तैदी से किये जा रहे कार्य सराहनीय हैं। पुलिस के सजग रवैये से ही आम आदमी सुरक्षित महसूस करता है। समाज में इस सुरक्षा की भावना को और मजबूत बनाये रखना होगा। उन्होंने प्रदेश की शांतिप्रिय जनता की भी सराहना करते हुए कहा कि जनता के अनुशासित एवं भाईचारा पूर्ण आचरण से हमारे प्रदेश की देश में साख बनी है। सांस्कृतिक विविधता के बावजूद प्रदेशवासी एक हैं। इस वातावरण को बनाये रखने के लिये आम आदमी को अपने अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना होगा और पुलिस का सहयोगी बनना होगा।
इसलिए मनाया जाता है ये दिवस
पुलिस शहीद दिवस लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर 21 अक्टूबर 1959 को केन्द्रीय आरक्षी पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के 10 जवान चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उन्हीं की स्मृति में देश की समस्त पुलिस इकाईयों द्वारा प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
इन्होंने दी शहादत
इस मौके डीजीपी सुधीर सक्सेना ने बताया कि इस वर्ष हमारे प्रदेश पुलिस के 17 जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत दी है। शहीद कर्मियों में कार्यवाहक निरीक्षक स्व. राजाराम वास्कले, उप निरीक्षक स्व. भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, सहायक उप निरीक्षक स्व. कन्हैयालाल भालसे, सहायक उप निरीक्षक स्व. जसवंत कुमार तेकाम, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक स्व. रामजस शर्मा, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक स्व. कन्हैयालाल वास्कले, प्रधान आरक्षक स्व. छोटेलाल बघेल, प्रधान आरक्षक स्व. चंपालाल सिलाले, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक स्व. भानु प्रताप भदौरिया, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक स्व. राधेश्याम सिरसाठे, आरक्षक स्व. सुरेन्द्र सिंह गौंड, आरक्षक स्व. उपेन्द्र सिंह दांगी, आरक्षक (ट्रेड) स्व. पंकज मिश्रा, आरक्षक स्व. रामप्रसाद, आरक्षक स्व. जगदीश हाडा, आरक्षक स्व. गजानन अटवाड़े, आरक्षक स्व. खुमान भिलाला एवं आरक्षक स्व. रविकान्त सविता शामिल हैं।
बैंड की प्रस्तुति
कार्यक्रम के दौरान पुलिस बैंड द्वारा निकाली जा रही देश भक्ति के गीतों की मधुर धुन के बीच शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके पहले पाल-बेयरर पार्टी द्वारा सम्मान सूची को स्मारक कोष में स्थापित किया गया और शहीद स्मारक को सलामी दी गई। आयोजित परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शियाज केएम ने किया। परेड में जिला बल की महिला प्लाटून, विशेष सशस्त्र बल की पुरुष प्लाटून, जिला पुलिस बल की पुरुष प्लाटून, होमगार्ड प्लाटून, पाल बेयरर, कलर पार्टी, पुलिस बैंड प्लाटून, अश्वरोही दल और श्वान दल की टुकड़ियां शामिल थी। अंत में राज्यपाल महोदय एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीदों के परिजनों से मुलाकत भी की।