
टिकट कटने पर समर्थकों ने किया विरोध प्रदर्शन
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य नेताओं की सहमति से मध्यप्रदेश के विधानसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात जारी कर दी गई। वहीं, शुक्रवार को सुमावली विधानसभा में अजब सिंह के समर्थकों में भारी आक्रोश फैल गया और सुबह से ही न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित उनके कार्यालय पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। यहां लगभग दो घंटे चली बैठक के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला और कहा कि सुमावली की मजबूरी है अजब सिंह जरूरी है। इसके बाद दाऊजी गार्डन में बैठक आयोजित की गई, जिसमें भी काफी मंथन दिनभर चलता रहा।
वर्तमान विधायक अजब सिंह कुशवाह ने हमारे संवाददाता से चर्चा में कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा मेरा टिकट काटा गया है। मुझे इस बात का दुख नहीं है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह इन्होंने कहा कि तेरे पर केस है, इसलिए टिकट में परेशानी है, जिसके चलते मैंने सभी केस को पूरे मन से निपटाया और अब मैं बरी हूं, केवल दो गाली-गलौज के केस हैं, उनमें कोई प्रावधान सजा का नहीं है। इसके बावजूद मेरा टिकट काटा गया है, जबकि उपचुनाव 2020 में भी मेरे पर यही केस थे, तब क्यों टिकट दिया गया।
कुशवाह ने अपने कार्यालय पर सभी समाजों के लोगों के साथ दो घंटे चर्चा की और ज्यादातर मत चुनाव लड़ने के आए, इसके बावजूद उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने कमलनाथ को खुली चुनौती दी है की मुरैना की छह विधानसभा सीटों में से कांग्रेस एक भी सीट जीत जाएगी तो वह राजनीति से त्यागपत्र दे देंगे। अजब सिंह कुशवाह का गुस्सा यहां भी नहीं थमा और उन्होंने कहा कि तानाशाही पूर्वक मेरा टिकट काटा गया है। सर्वे की कही जाए तो सर्वे में वह नंबर वन थे।
मुरैना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को यह बात हजम नहीं हो रही थी कि अजब सिंह को दोबारा टिकट मिल गया तो वहां जीत जाएगा। टिकट वितरण में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह पर खुलकर विरोध करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने जिनको सपोर्ट किया, वह सक्सेस हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि सुमावली विधानसभा से वृंदावन सिंह सिकरवार के पुत्र मानवेंद्र गांधी का टिकट होता तो वह और उनके समाज उसका साथ देता। क्योंकि उन्होंने मेरे चुनाव में पूरा सहयोग किया था, लेकिन इस टिकट वितरण में भाजपा प्रत्याशी ऐदल सिंह की रणनीति सफल हो गई और जनता की उम्मीद धराशाई हो गई है।