
नकली नोट
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उज्जैन पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से दो लाख पांच हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। पिछले दिनों इंदौर पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गिरोह को पकड़ा था। इस गिरोह ने उज्जैन में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था।
उज्जैन की नीलगंगा पुलिस ने नकली नोट बाजार में चलाए जाने की सूचना पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से दो लाख पांच हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोड़िया ने बताया कि इंदौर के अन्नपूर्णा थाने में पिछले दिनों पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़ा था। इस गिरोह ने उज्जैन में भी नेटवर्क को फैला रखा था।
उज्जैन पुलिस को मिली सूचना के बाद पुलिस ने नकली नोट मामले में उज्जैन के गऊघाट कॉलोनी निवासी लोकेश पिता रामदास निवासी गऊघाट कॉलोनी, प्रहलाद पिता बने सिंह निवासी उन्हेल और सुरेश प्रताप दयाराम निवासी भिलाईपुर भेरुगढ़ को गिरफ्तार कर इन तीनों के पास से दो लाख पांच हजार रुपये के नकली नोट जब्त किए हैं।
उज्जैन पुलिस ने आरोपियों से 2000 और 500 के नोट बरामद किए हैं। 2000 के नोट बाजार में चलना बंद हुए तो आरोपी उज्जैन में भी जमा नहीं कर सके। उज्जैन के तीनों आरोपी नकली नोट इंदौर से लाकर उज्जैन के छोटे बाजारों में बेचा करते थे। पुलिस आरोपियों से और पूछताछ कर रही है कि अभी तक कितने नकली नोट चला चुके हैं और उज्जैन के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नकली नोट दिए गए हैं।
इंदौर से पकड़ाया था गिरोह
इंदौर की अन्नपूर्णा नगर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था, आरोपी के फ्लैट पर छापामार कार्रवाई में प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का काफी सामान भी बरामद हुआ था। इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने नकली नोट छापकर शहर में कई जगह खपाने का काम करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को पकड़ा था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से नोट प्रिंट करने का प्रिंटर और कागज बरामद किए थे। इनका इस्तेमाल नकली नोट बनाने में किया जा रहा था। गिरोह के पास करीब पचास लाख रुपये छापने तक की संख्या में पेपर मौजूद था। पकड़े गए आरोपी बाजार में 20 लाख रुपये के नकली नोट चला चुके हैं। इंदौर से पकड़ाए इस गिरोह ने ही उज्जैन के तीन युवकों को नकली नोट सप्लाई किए थे। उज्जैन पुलिस आरोपियों का रिमांड लेकर नकली नोट के संबंध में और भी पूछताछ करेगी।
आरोपी राजेश ने 2020 के अगस्त महीने में स्वयं को मृत घोषित करने के बाद खुद की नई पहचान बना ली। आरोपी ने अब एक नए नाम अशोक चौहान नाम से फर्जी डॉक्यूमेंट बनाएं और नकली नोट का कारोबार शुरू कर दिया था। आरोपी मुख्य रूप से बैतूल निवासी है, इंदौर में नई पहचान बनाकर अपार्टमेंट में रूम लेकर नकली नोट छापने का काम कर रहा था। आरोपी ने बड़ा नेटवर्क फैला रखा था।