
खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा है।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दो दशक पूर्व मध्य प्रदेश का हरसूद देश में चर्चा का केंद्र बिंदु था। इंदिरा सागर परियोजना से हरसूद शहर का अस्तित्व 2004 में समाप्त हो गया और नया हरसूद छनेरा के समीप भूमि पर बसाया गया। हरसूद विधानसभा की आरक्षित (अनुसचित जनजाति) सीट है।
प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह का जन्म मकड़ाई (जिला हरदा) में हुआ और उच्च शिक्षा उन्होंने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में प्राप्त की थी। कॉलेज में छात्र राजनीति में वे कई पदों पर रहे। हरसूद विधानसभा से 1990 से लगातार वे विजयी होते रहे हैं। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे हरसूद से भाजपा के उम्मीदवार हैं। वर्तमान विधानसभा में सबसे अनुभवी और लगातार आठ बार चुने गए रेहली से विधायक व मंत्री गोपाल भार्गव के बाद लगातार सात बार हरसूद से चुने जाने वाले विजय शाह चौथे विधायक हैं। सात बार चुने जाने वाले अन्य विधायक लहार से कांग्रेस के गोविंदसिंह, बालाघाट से भाजपा के गौरीशंकर बिसेन और इछावर से भाजपा के करणसिंह वर्मा हैं।
शाह परिवार का राजनीति से गहरा वास्ता रहा है, टिमरनी से कुंवर विजय शाह के भाई संजय शाह वर्ष 2008 से विजय हो रहे हैं, उस वक्त वे निर्दलीय उम्मीदवार से मैदान में थे। 2013 और 2018 में भाजपा से चुनाव में टिमरनी से विजयी हुए। 2018 में संजय शाह के भतीजे अभिजीत शाह मकड़ाई ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था, जाहिर है चाचा-भतीजे का टिमरनी में मुकाबला हुआ, जिसमे चाचा विजयी रहे थे।
1957 में अजा के लिए आरक्षित हुआ
हरसूद विधानसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के निर्माण के वक्त से है। 1957 में यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। 1962 से 1972 तक हरसूद सामान्य रहा पुनः 1977 से अनुसचित जाति के लिए आरक्षित हो गया जो आज तक है।
34 साल से लगातार जीत रहे विजय शाह
कुंवर विजय शाह पिछले 34 वर्ष यानी 1990 से लगातार हरसूद से विजयी होते रहे हैं। जाहिर है यह भी भाजपा का अभेद्य किला है जिसे कांग्रेस भेद नहीं पा रही है।
1948 में मकड़ाई भारत संघ में शामिल हुआ
मकड़ाई रियासत आजादी से पहले मध्य भारत एजेंसी के प्रशासनिक अधिकार में थी। 1933 में इसे सीपी बरार और मध्य प्रांत से मध्यभारत एजेंसी भोपाल में शिफ्ट कर दिया गया था। आजादी के बाद 1947 के बाद से मकड़ाई फरवरी 1948 को भारत संघ में शामिल हुआ, रिसायत को मध्य प्रदेश में शामिल किया गया था। युवराज देवी शाह के बेटे हैं, कुंवर विजय शाह हरसूद जो हरसूद से चुने जाते रहे हैं। संजय शाह टिमरनी से विजय रहे। ये दोनों भाई 14 वीं विधानसभा के सदस्य थे।
हरसूद की रोचक जानकारी
- हरसूद से विजय शाह और टिमरनी से संजय शाह दोनों भाई हैं जो विधानसभा के सदस्य हैं।
- 2018 के चुनाव में टिमरनी से संजय शाह के विरुद्ध उन्हीं के भतीजे अभिजीत शाह कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए थे।
- मकड़ाई एक प्राचीन रियासत है, जो वर्तमान में हरदा जिले में स्थित है।
- संजय शाह की सबसे बड़ी जीत 2013 में 43,571 मतों से और सबसे कम मतों से वर्ष 2003 में 14,272 मतों से हुई थी।