
भाजपा ने ज्यादातर विधायकों को टिकट दिया।
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भाजपा में इंदौर जिले की छह सीट पर दावेदारों की भरमार है। हर कोई संगठन से टिकट चाहता है, लेकिन संगठन के पास नए जिताऊ चेहरों का संकट है। कुछ सीटों के लिए संगठन को दमदार भावी उम्मीदवार खोजना में परेशानी हो रही है। नए चेहरों का संकट भाजपा के पास हमेशा रहा है। दस साल में भाजपा ने सिर्फ तीन नए चेहरों को टिकट दिया है, ज्यादातर सीटों पर पुराने विधायकों को ही भरोसा जताया है। कई बार तो विधायकों को दूसरी सीटों से टिकट दिया गया, लेकिन उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों के नए चेहरों पर दांव नहीं लगाया।
इस बार भी चुनाव के लिए भाजपा संगठन की नजरें योग्य उम्मीदवार के लिए पुराने किरदारों पर है। आमतौर पर संगठन का पुराने विधायकों के प्रति साफ्ट कार्नर रहता है। इस बार भाजपा को शहरी क्षेत्र की दो सीटें डेंजर जोन में नजर आ रही है, लेकिन वहां के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है। तीन और पांच नंबर विधानसभा सीट के लिए पार्टी इस बार नए चेहरों को मौका देगी या दूसरे क्षेत्र के विधायकों को यहां से टिकट देगी। यह भविष्य ही बताएगा। इस बार भी गौरव रणदिवे, जयपाल सिंह चावड़ा, नानाराम कुमावत सहित अन्य नए दावेदार टिकट की दौड़ में है।
पहले लड़ चुके नेताओं को दिया टिकट
इंदौर की 9 में से तीन सीट एक नंबर, राऊ और देपालपुर में भाजपा ने उम्मीदवार तय कर दिए है। मनोज पटेल और कैलाश विजयवर्गीय पहले विधायक रह चुके है। संगठन ने फिर उन पर भरोसा जताया है, जबकि एक नंबर क्षेत्र से गोपाल गोयल, अमरदीप मोर्य भी दावेदारी कर रहे थे। देपालपुर से भी राजेंद्र चौधरी टिकट के दावेदार थे। मधु वर्मा पिछला चुनाव भी लड़े थे। इस बार उन्हें फिर टिकट दे दिया।
20 साल आठ नए चेहरे को टिकट दिया भाजपा ने
वर्ष 2004 के चुनाव में भाजपा ने पार्षद रही उषा ठाकुर को एक नंबर विधानसभा से टिकट दिया। इसके अलावा तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला को टिकट दिया। दोनो नए चेहरे थे। चुनाव हारने के बाद शुक्ला का राजनीतिक कैरियर तो खत्म हो गया, लेकिन ठाकुर ने उसके बाद लंबी पारी खेली।
वर्ष 2008 के चुनाव मे नए चेहरे के रुप में रमेश मेंदोला, जीतू जिराती और निशा सोनकर को चुनाव मैदान में उतारा। 2014 के चुनाव में जिले की 9 में से सिर्फ सांवेर विधानसभा सीट पर नए चेहरे के रुप में राजेश सोनकर को उम्मीदवार बनाया,जबकि वर्ष 2018 के चुनाव में आकाश विजयवर्गीय और मधु वर्मा नए उम्मीदवार थे, बाकी पुराने विधायक ही मैदान में उतरे थे।