ये सब बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पीलीभीत के मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस में अपने 20 मिनट के भाषण के दौरान कहीं। बोले- जीव, जंतु या कोई भी ऐसी वस्तु जिस पर मनुष्य जाति का भविष्य टिका है, उसके संरक्षण पर सरकार ने हमेशा जोर दिया। जब तक जीव-जंतु रहेंगे, वनस्पतियां रहेंगी, पानी के स्रोत रहेंगे, तब तक मनुष्य के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं आएगा, लेकिन जहां जल, जंगल का संकट रहेगा तब मनुष्य के जीवन पर संकट आएगा।
उन्होंने कहा कि पीटीआर का जंगल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर खींचने की सामर्थ्य रखता है। यहां बाघों की संख्या बढ़ने पर तमाम सर्वे के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व को प्रथम ग्लोबल अवार्ड का तमगा मिला है। बताया कि प्रदेश में 2012 में बाघ की गणना 173 थी। प्रदेश सरकार के प्रयास से अब बाघों की संख्या बढ़कर 205 हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी प्रकृति में असंतुलन पैदा करने का प्रयास होगा तब मानव व वन्यजीव में संघर्ष की प्रवृति बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में जनहानि को रोकने के लिए सरकार ने पूरे प्रयास किए। पहले वन्यजीव व मानव संघर्ष होने पर जनहानि पर कोई सहायता नहीं मिलती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने ऐसे लोगों के परिवार को पांच लाख रुपये के सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने तार फेंसिंग कराकर ऐसे घटनाओं को रोकने की भी बात कही। इस अवसर पर उन्होंने गंगे डॉल्फिन को प्रदेश का जलीय जीव घोषित किया। बताया कि गांगेय डॉल्फिन की नदी व तालाब के पानी को शुद्ध रखने में अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल के आसपास के लोगों को ट्रेनिंग देकर उन्हें गाइड के रूप में मान्यता देना चाहिए ताकि वह हमसे जुड़ सके। इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि जो पर्यटक यहां आते हैं वह प्लास्टिक को प्रयोग न करें जिससे जीवों के सामने जीवन का संकट पैदा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 166 करोड़ पौधरोपण किया है, इससे वातावरण साफ होगा। उन्होंने जीव जंतु के प्रति भी संवेदनशील होने की बात कही। यहां के किसानों की भी तारीफ की। कहा कि यहां के किसान मेहनत से फसल उगाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।