Ayurveda Doctor Strike Troubled by the government Ayurveda doctors reached Mahakal court

चिकित्सक पहुंचे महाकाल के दरबार
– फोटो : अमर उजाला

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आयुर्वेद चिकित्सकों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के तारतम्य में उज्जैन के आयुर्वेद चिकित्सकों की हड़ताल सतत जारी है। परंतु शिवराज सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों की मांगों को लेकर कोई प्रतिसाद नहीं दे रही है। सरकार की बेरूखी के परिणाम स्वरूप चिकित्सकों ने अब ईश्वर की शरण ली है।

उज्जैन आयुर्वेद छात्र संगठन के अध्यक्ष डॉ. निलेश बिंझाड़े, उपाध्यक्ष विकल्प खरे और धर्मेश सिंह यादव के अनुसार, आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपने कर्तव्यों को त्यागकर ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल को प्रार्थना पत्र सौंपा। आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। धर्मेश यादव के अनुसार, अन्य राज्यों में आयुर्वेद चिकित्सकों के मुकाबले मध्यप्रदेश में स्टाइपेंड काफी कम है। इस कमी को दूर कर अन्य राज्यों के समान स्टाइपेंड को बढ़ाकर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने, परीक्षा समय पर आयोजित कराने सहित चार सूत्रीय मांगों की प्रदेश सरकार से पूर्ति हेतु प्रार्थना भगवान श्री महाकालेश्वर से की गई। आंदोलन के अगले चरण में भूख हड़ताल करने का निर्णय चिकित्सकों ने लिया है।

अवधेशपुरी महाराज ने उठाई जन स्वास्थ्य रक्षकों की मांग

प्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षकों को स्वास्थ्य मित्र के नाम से आंगनबाड़ी सह-ग्राम आरोग्य केंद्रों पर नि:शुल्क सेवा की सहभागिता के संदर्भ में परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। अवधेशपुरी महाराज ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में जन स्वास्थ्य रक्षकों का योगदान अति महत्वपूर्ण है।, सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त और डायरिया आदि मौसमी बीमारियां जो समय पर प्राथमिक उपचार से ही ठीक हो सकती हैं, उनके लिए शासन द्वारा प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों को आंगनबाड़ी सह ग्राम आरोग्य केंद्रों से जोड़कर इनसे शासन द्वारा उपलब्ध दवाइयों से निशुल्क सेवा कार्य लिया जाए तो आर्थिक कमजोरी एवं समय व संसाधनों के अभाव के कारण जो लोग शहरों में स्वास्थ्य लाभ के लिए समय पर नहीं पहुंच पाते, उनके लिए गांव में ही प्रशिक्षित हाथों से चिकित्सा उपलब्ध कराना सरकार का अति पुनीत कार्य हो सकता है।

क्योंकि जन स्वास्थ्य रक्षकों को स्वास्थ्य मित्र के नाम से आंगनबाड़ी सह ग्राम आरोग्य केंद्रों पर एक ओर शासन द्वारा प्रशिक्षित प्रदेश के 51,953 लोगों के अमले को स्वास्थ्य विभाग से जोड़कर ग्रामीण स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण की ओर सरकार का मजबूत कदम बढ़ेगा। वहीं, दूसरी ओर लाखों गरीबों को घर बैठे निशुल्क चिकित्सा प्राप्त हो सकती है। अवधेशपुरी महाराज ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षकों को स्वास्थ्य मित्र के नाम से आंगनबाड़ी सह आरोग्य केंद्रों पर निशुल्क रूप से सेवा की सहभागिता हेतु पात्रता प्रदान की जाय तो अति उत्तम होगा।

ऐसा करने से ग्रामीणों को एक बड़ी निशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो सकेगी तथा महिला तथा पुरुष वर्ग दोनों को आंगनबाड़ी केंद्रों से प्रशिक्षित हाथों से निशुल्क प्राथमिक उपचार सहायता मिलने लगेगी। साथ ही जन स्वास्थ्य रक्षकों के प्रशिक्षण कौशल व स्वास्थ्य के क्षेत्र में वर्षों से किए जाने वाले कायार्नुभव ग्रामीण जनता को लाभ होगा। वहीं, जन स्वास्थ्य रक्षकों को नवीन नाम स्वास्थ्य मित्र देकर स्वास्थ्य विभाग में सहभागिता देने से इनका ससम्मान निशुल्क सदुपयोग भी हो सकेगा।



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