सिहस्थ 2016 में संतों के बीच महाकाल महलोक के निर्माण का महासंकल्प लिया था, जो कि आज पूर्ण हो गया। मैं आनंदित हूं कि संतों की उपस्थिति और बाबा महाकाल के आशीर्वाद से यह महासंकल्प पूर्ण हो चुका है। आज उज्जैन नगरी में अद्भुत आनंद की वर्षा हो रही है। 

यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने महाकाल महालोक फेस 2 के लोकार्पण अवसर पर महाकाल मंदिर में संतों की उपस्थिति में कही। इस दौरान आपने महाकाल महाराज की जयकार के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की। आपने कहा कि महाकाल महाराज के चरणों में वंदन करता हूं। महाकाल महालोक के प्रथम चरण के लोकार्पण के बाद मन में ऐसी इच्छा थी कि बाबा महाकाल के दरबार में और भी कुछ होना चाहिए इसीलिए बाबा महाकाल के आंगन को बढ़ाकर न सिर्फ 47 हेक्टेयर का किया गया। बल्कि मंदिर में ऐसी सभी व्यवस्थाएं जुटाई गईं जिससे कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। 



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सभी उपलब्धियों को बाबा महाकाल की कृपा से होना बताया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री महाकाल महालोक के द्वितीय फेज के अन्तर्गत विभिन्न निर्मित कार्यों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री सर्वप्रथम नीलकंठ वन के स्वागत द्वार पर पहुंचे। यहां मणिपुर के कलाकारों द्वारा शंख वादन कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। इसके पश्चात मालवा की लोक परम्परा के अनुसार माच गायन कर स्वाति सेन उखले और उनके समूह द्वारा मुख्यमंत्री की आरती कर उन्हें तिलक लगाया गया और उनका स्वागत किया गया। प्रमुख सवारी भक्त मण्डल के कलाकारों द्वारा शाही मराठा अंदाज में मुख्यमंत्री की अगवानी की गई। इसके पश्चात नाशिक से आए ढोल-ताशा दल द्वारा ढोल बजाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा के बीच मुख्यमंत्री और उनके धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान ने आमजन का अभिवादन स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने भी थोड़ी देर झांझ-मंजीरे बजाकर प्रस्तुति देते कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। 




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *