Uma Bharti To Spend Kartik Month In Badrinath Kedarnath And Himalayas This Year, Know What It means

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– फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की तेजतर्रार नेत्री उमा भारती ने विधानसभा चुनावों से दूरी बना ली है। अब वह कह रही हैं कि कार्तिक मास में वह बद्री-केदार और हिमालय में रहेंगी। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि वह प्रचार भी नहीं करेंगी। इसे एक बड़ी घोषणा के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कार्तिक मास 29 अक्टूबर से 27 नवंबर तक रहेगा। इसी दौरान चुनाव प्रचार अपने चरम पर होगा। 

इससे पहले उमा भारती ने एक दिन पहले माता बेटी बाई सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के कार्यक्रम में कहा था कि वह मध्य प्रदेश में न तो लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और न ही विधानसभा चुनाव। पार्टी ने मौक़ा दिया तो वह किसी तीसरे राज्य से जाकर चुनाव लड़ेंगी। चूंकि, विधानसभा चुनाव किसी और प्रदेश से नहीं लड़े जा सकते क्योंकि वह लोकल चुनाव होते हैं लेकिन लोकसभा में पार्टी अगर मौक़ा देती है तो वो किसी और राज्य से चुनाव लड़न चाहेंगी। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि वह चुनाव लड़ सकती है। इस पर सफाई देते हुए उमा भारती ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल बद्री-केदार एवं हिमालय नहीं गई थी। मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मुहिम में शामिल थी। इस साल वह कुछ समय के लिए कार्तिक मास में हिमालय एवं बद्री और केदार नाथ जाना चाहती है।

विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा से शर्मिंदगी

उमा भारती ने लिखा कि उनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा की जा रही है। इससे उनको बहुत दिक्कत एवं शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यह सच नहीं है। उन्होंने लिखा कि वह एक साधारण मनुष्य है। उनकी प्रार्थना है कि सभी उनको आशीर्वाद दें कि वह जिन सिद्धांतों पर आस्था रखती हैं, उन पर विजय प्राप्त करें। भाजपा ने मध्य प्रदेश में कुछ केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा है। इस निर्णय का अभिनंदन। यह सभी नाम अपने-अपने क्षेत्र में ऐसी लहरें पैदा करेंगे, जिससे पूरा प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को लाभ होगा। 

महिला आरक्षण के लिए लड़ती रहेंगी 

पूर्व मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण को लेकर संघर्ष जारी रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को अलग आरक्षण देने के लिए बहुत से राजनीतिक दल एवं समाजसेवी संगठन प्रयासरत हैं। उनकी इस विषय पर आस्था है, जो राजनीति से परे हैं। 



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