
रीवा कांग्रेस के नेता मुजीब खान छोड़ सकते हैं पार्टी।
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कांग्रेस में टिकट घोषित होने से पहले ही नेताओं के बगावती सुर सामने आ रहे हैं। रीवा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मुजीब खान ने टिकट की दावेदारी की। यह भी कह दिया कि यदि टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़कर बगावत करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मुजीब खान ने पत्रकारों से चर्चा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा। डॉ. खान ने कहा कि पीएम मोदी हो या फिर शिवराज सिंह चौहान, दोनों ने जनता के हितों को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने केवल अपनी छवि को चमकाया। जी-20 के लिए 990 करोड़ रुपये का बजट तय किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के चुनाव के मद्देनजर अपनी छवि चमकाने के लिए देश का 4,100 करोड़ रुपये फूंक दिए। शिवराज सरकार में 230 घोटाले हुए हैं। प्रदेश को सवा तीन लाख करोड़ रुपये का कर्जदार बना दिया।
कौन हैं मुजीब खान
मुजीब खान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी के महासचिव रहे हैं। विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके हैं। मुजीब खान ने कहा कि वह लगभग 40 साल से काग्रेस पार्टी में हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने उन्हें टिकट दिया था। चुनाव नजदीक आए और उनके प्रचार के लिए सोनिया गांधी रीवा भी आई थी। पहली बार मुस्लिम समाज के नेता को रीवा विधानसभा सीट से टिकट दिया गया था। वह चुनाव हार गए थे। उस समय 15 सीटें कांग्रेस ने विंध्य में जीती थी। 2018 में मुजीब का टिकट कटा तो पार्टी इतनी सीटें भी नहीं ला सकी थी। मुजीब 2008 में कांग्रेस छोड़कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और भाजपा के राजेंद्र शुक्ला से हारे थे। रीवा से बसपा के ही टिकट पर महापौर का चुनाव भी लड़ा था।
पार्टी पर भी उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति पर सवाल खड़े करते हुए मुजीब खान ने कहा कि 2023 के चुनाव में कांग्रेस आलाकमान ने हारे हुए उम्मीदवारों को टिकट दिया था। दो से तीन बार के चुनाव हारे उम्मीदवारों को भी मौका दिया गया। मुजीब को इस बात का दुख है कि पार्टी मुसलमानों को टिकट नहीं दे रही। जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां मुस्लिम समाज के लोगों का बड़ा योगदान है। इसके बाद भी मुसलमानों को टिकट नहीं देने की बात कहकर उन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि मैं धंधे से डॉक्टर था। सारा कामकाज छोड़कर कांग्रेस पार्टी के लिए जीवन खपा दिया। जो नेता चुनाव हारे हैं, वह तय कर रहे हैं कि टिकट किसे देना है और किसे नहीं।
ओवैसी या अखिलेश के साथ जाएंगे
मुजीब ने सीधे-सीधे कह दिया कि टिकट नहीं दिया तो पार्टी छोड़ देंगे। संभावना है कि इस बार बसपा के बजाय डॉ. खान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम या अखिलेश यादव की सपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। विंध्य में मुजीब ही इकलौते नेता हैं, जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े हैं।