
इंदौर में तीन युवक डूबे
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर indore में गणेश विसर्जन करने गए तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। इंदौर के सुपर कारिडोर पर खदान के गड्ढे में डूबने से तीनों की जान गई। हादसे में दो अन्य युवकों को बचा लिया गया है। गांधीनगर थाना क्षेत्र में हुए इस हादसे में कुल पांच युवक डूब गए थे। गांधीनगर थाना पुलिस ने बताया कि मल्हारगंज थाना क्षेत्र के कंडीलपुरा निवासी पांच बच्चों के साथ यह घटना हुई। यह सभी अपने दोस्तों के साथ में गणेश विसर्जन के लिए सुपर कारिडोर आए थे। गणेश मूर्ति विसर्जन के बाद सभी दोस्त यहीं पर नहाने लगे। इस दौरान अमन कौशल, जय्यू कौशल और अनीस वर्मा की पानी में डूबने से मौत हो गई जबकि दो साथियों अब्बू और चीनू को बचा लिया गया।
घर पर बिना बताए गए थे
ये सभी बच्चे घर पर बिना बताए यहां आए थे। सभी के शव अरबिंदो अस्पताल में भेजे गए हैं। शनिवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। पहले सभी दोस्त खेड़ीघाट जाने वाले थे लेकिन परिवार वालों ने वहां जाने से मना कर दिया था। इसके बाद सभी लोग घरवालों को बिना बताए वाहन से सुपर कारिडोर पर गणेश विसर्जन के लिए आ गए और यहां पर हादसे में तीन दोस्तों की जान चली गई।
एक करोड़ रुपए मुआवजा दे सरकार – शुक्ला
कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा है कि इंदौर नगर निगम के लापरवाही से आज सुपर कॉरिडोर पर गणेश प्रतिमा के विसर्जन के दौरान दो परिवारों के तीन युवाओं की मौत हो गई। आज जो लोग विकास की बात कर रहे हैं वह पहले लापरवाही से होने होने वाली मौतों का जवाब दें। सुपर कॉरिडोर पर खदान के गड्ढे में भरे हुए पानी में श्री गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए कंडीलपुरा क्षेत्र के तीन युवा पहुंचे थे। इन तीनों युवाओं की इस पानी में डूब जाने से मौत हो गई। मरने वालों में दो सगे भाई थे। विधायक संजय शुक्ला ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास की कमान इंदौर नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के पास में हैं। इन दोनों में ही भाजपा के नेता बैठे हुए हैं। यह नेता किस तरह से जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं इसका अंदाजा तो इसी बात से लग जाता है कि मौत का गड्ढा खुदा हुआ था। इस गड्ढे में दो परिवारों के तीन नौनिहाल समाहित हो गए। यह घटना बेहद दुखद और इन परिवारों पर वज्रपात है। विधायक शुक्ला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि इस घटना में परिवारों को एक – एक करोड़ रुपए की राशि मुआवजे के रूप में दी जाए। जो दो परिवार इस हादसे के शिकार हुए हैं उनमें से एक परिवार के मुखिया की कोरोना के संक्रमण काल के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद में मां के द्वारा ही अपने बच्चों का लालन-पालन पोषण किया जा रहा था। आज वह बच्चा भी कल के ग्रास में समा गया।
निगम और आईडीए के अधिकारियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करें
शुक्ला ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के पदाधिकारी तथा अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। इस तरह की लापरवाही से मौतें लगातार हो रही हैं। इन घटनाओं पर कोई सबक नहीं लिया जा रहा है। रामनवमी पर पटेल नगर में हुए बावड़ी हादसे को अभी यह शहर भूला नहीं है। उस हादसे में भी किसी अधिकारी, पदाधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।