
अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की तस्वीर के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छतरपुर जिले के खजुराहो आगमन पर छतरपुर की राजनीति में भूचाल आ गया। दरअसल भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेता अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे, जहां अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अपनी ही पार्टी से टिकट न मिलने पर बगावत कर सकते हैं। मुलाकात की तस्वीर भी वायरल हो रही है।
बता दें कि राजनगर विधानसभा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा अखिलेश यादव के खजुराहो पहुंचने पर उनसे मिलने पहुंचे। तो वहीं छतरपुर विधानसभा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार डीलमणि सिंह बब्बू राजा ने भी खजुराहो पहुंचकर अखिलेश से मुलाकात की। जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट न मिलने की स्थिति में यह समाजवादी पार्टी का दामन थाम कर कांग्रेस से बगावत कर सकते हैं।
पूर्व में छोड़ चुके पार्टी, है दलबदलू का तमगा
बता दें कि कांग्रेस के शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा और डीलमणि सिंह बब्बू राजा पूर्व में भी कांग्रेस से बगावत कर बहुजन समाज पार्टी और फिर भाजपा में भी जा चुके हैं और फिर वहां से वापस कांग्रेस में लौटे थे। यहां अब फिर इन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर पार्टी छोड़ने और दल बदलने के कयास पैदा कर दिए हैं। बता दें कि इन दोनों पर दल बदलने का तमगा पहले भी लग चुका है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मिले..
इसी तरह भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल जो कि राजनगर विधानसभा से भाजपा के प्रबल दावेदार थे। जहां अब उन्हें टिकट नहीं मिली और पार्टी ने यहां से अरविंद पटेरिया का नाम घोषित कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे भी बगावत करेंगे। यूं तो छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता घासीराम पटेल जो पूर्व में भाजपा के जिला अध्यक्ष एवं मंडी अध्यक्ष रह चुके हैं, उनकी गिनती सरल स्वभाव के नेताओं में होती है। लेकिन अपने निजी हित के चलते पार्टी के साथ दगाबाजी करने का आरोप भी उनके सर लगता रहा है।
यहां बता दें कि पूर्व में जब राजनगर विधानसभा सीट का परिसीमन नहीं हुआ था। तब छतरपुर विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे घासीराम पटेल को जब टिकट नहीं मिली थी तो वे बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे और बुरी तरह से चुनाव हारे थे। इसके बाद एक बार फिर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था और भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया। पार्टी ने उनकी शिद्दत को देखते हुए उन्हें भाजपा जिला अध्यक्ष के पद से भी नवाजा था। हालांकि वर्ष 2013 के चुनाव में जब राजनगर विधानसभा सीट से पार्टी ने रामकृष्ण कुसमारिया को प्रत्याशी बनाया था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, तब रामकृष्ण कुसमारिया ने साफ तौर पर अपनी हार के लिए जिम्मेदार भाजपाइयों में घासीराम पटेल का भी नाम गिनाया था। यानी कि पार्टी के साथ भितरघात कर पार्टी उम्मीदवार को हराने के आरोप साफ तौर पर 2013 में भी घासीराम पर लगे थे।
अब बात वर्तमान की करें तो घासीराम पटेल राजनगर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने 2018 की चुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने वाले पूर्व प्रत्याशी व वर्तमान भाजपा जिला महामंत्री अरविंद पटेरिया को फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद हलांकि कोई भी विरोध प्रदर्शन घासीराम पटेल एवं उनके समर्थकों के द्वारा नजर नहीं आया, लेकिन बीते रोज जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खजुराहो आए तो घासीराम पटेल उनसे मिलने जरूर गए और मुलाकात की तस्वीर अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। जिसे देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में घासीराम पटेल फिर से बगावती तेवर अपना सकते हैं। तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही है, लेकिन अभी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।