
कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बर्बाद हो रही फसलों का मुद्दा उठाया।
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मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन करने वाले किसान गंभीर कृषि संकट से जूझ रहे हैं। एक महीने पहले तक स्थिति यह थी कि प्रदेश को 50 साल के सबसे बड़े सूखे का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण सोयाबीन की फसल सूख रही थी। उसके बाद ईश्वर की कृपा से बारिश आई, लेकिन उसके तुरंत बाद फसल में कीड़ा लग गया। इस समय स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश में 53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जो सोयाबीन की फसल लगाई है गई है वह पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर भाजपा कर पर कई गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया समनव्यक और कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा कि परेशान किसान सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि फसल नष्ट होने का सर्वेक्षण किया जाए और तत्काल मुआवजा और राहत राशि का वितरण किया जाए। लेकिन मुआवजा देना तो दूर अब तक शिवराज सरकार ने फसल को हुए नुकसान का सर्वेक्षण भी नहीं कराया है जिसके चलते किसान आंदोलन करने को विवश है।
मध्य प्रदेश के विदिशा, सीहोर, खरगोन, खंडवा, नर्मदापुरम, इंदौर, धार, रतलाम, उज्जैन, हरदा, बैतूल और मंदसौर जिला में मुख्य रूप से किसान सोयाबीन की खेती करते हैं। इन सभी जिलों के 40 लाख से अधिक किसान सोयाबीन नष्ट होने से परेशान हैं। कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहती है कि जब भारत ने इतनी वैज्ञानिक तरक्की कर ली है कि हम चंद्रयान भेज कर चंद्रमा तक की सतह की बारीक से तस्वीर ले सकते है। तो सरकार ने अपने मध्य प्रदेश में ऐसा कैसा प्रशासनिक ढांचा बनाया है कि लाखों हेक्टेयर में बर्बाद हो गई फसल की सही तस्वीर आप तक नहीं आ पा रही है और ना ही उसका सर्वेक्षण हो पा रहा है और ना किसानों को मुआवजा मिल पा रहा है। कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान से मांग करती है कि जिस तरह कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में खुद खेतों का दौरा करके तत्काल मुआवजा देने की पहल की थी उसी तरह सीएम शिवराज भी किसानों के भविष्य और जीवन को लाल फीताशाही में फंसाने की जगह तत्काल किसानों को मुआवजा जारी करें।
नर्मदा को भी नहीं बख्शा
एक अन्य प्रेस वार्ता कर कांग्रेस की भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने सबसे ज्यादा झूठ और मिथ्या प्रचार प्रदेश की जनता से तो किया ही लेकिन प्रदेश की जीवन रेखा मां नर्मदा से भी जुमलेबाजी की। मां नर्मदा को धोखा दिया गया। मध्य प्रदेश की आत्मा और प्राण मां नर्मदा में बसते हैं। नर्मदा जी के कारण जीवन है,लहराते हुए खेत है भरपूर अन्न है ,भरपूर बिजली है। इसीलिये भाजपा ने विधानसभा में नर्मदा जी को जीवंत अधिकार देने का बिल प्रस्तुत किया था जिसे सर्वसम्मति से 3 मई 2017 को पास किया गया।
नर्मदा जी को जो वादे इस बिल के माध्यम से किए थे। प्रदेश की जनता की नजर में जुमलावीर सिंह बन चुके मुख्यमंत्री और भाजपा ने मां नर्मदा को भी नहीं बख्शा। उन्हें भी झूठी घोषणाओं के हार पहना दिए। नर्मदा सेवा सेना इस प्रेस कांन्फ्रेंस के माध्यम से आपके संज्ञान में यह लाना चाहती है कि वे नर्मदा में भी झूठी कसम उठा चुके हैं। नर्मदा जी के अंदर खड़े होकर पानी में कसमें खाने वालों के चेहरे पूरा प्रदेश जानता है।