
सुदीप्ति हजेला
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर की सुदीप्ति हजेला ने दुनियाभर में शहर का नाम रोशन कर दिया है। सुदीप्ति हजेला ने अपनी टीम के साथ भारत को 14वां एशियन पदक दिलाया। घुड़सवारी में भारत को 41 साल बाद यह गोल्ड मेडल मिला है। हृदय छेदा, अनुष अग्रवाल, दिव्यकृति सिंह और सुदीप्ति हजेला की ड्रेसेज टीम ने मंगलवार को एशियन गेम्स 2023 Asian Games 2023 घुड़सवारी में स्वर्ण पदक जीता। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हांगझोऊ में यह स्पर्धा आयोजित हो रही है। टोंगलू घुड़सवारी केंद्र में घुड़सवारी टीमों ने मंगलवार को अपनी शुरुआत की, जहां सभी चार भारतीय घुड़सवारों ने शानदार प्रदर्शन किया। अपने घोड़े एट्रो पर सवार अनुष अग्रवाल 71.088 अंक के साथ सबसे आगे रहे। केमक्सप्रो एमराल्ड पर सवार हृदय छेदा 69.941 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि दिव्यकृति सिंह ने 68.176 अंक हासिल किए और घोड़े चिन्स्की के साथ सुदीप्ति हजेला ने 66.706 अंक अपने नाम किए।
लोग पिता से कहते थे लड़की है घुड़सवारी कैसे करेगी
सुदीप्ति इंदौर में महालक्ष्मी नगर स्थित सनसिटी में रहती है। पिता मुकेश हजेला की एक आईटी कंपनी है। मां और बड़ी बहन विधि का स्कूल बुक्स के सिलेबस तैयार करने का बिजनेस है। डेली कॉलेज से सुदीप्ति की स्कूलिंग हुई है। पिछले कुछ सालों से अपनी घुड़सवारी की ट्रेनिंग के लिए सुदीप्ति फ्रांस में ही रह रही हैं। पिता मुकेश हजेला बताते हैं कि सुदीप्ति को जानवरों से प्रेम है। छोटी थी जब शौक में घोड़े पर बैठ कर सवारी करती थी। उसे घोड़े पर बैठना पसंद था। लोग कहते थे कि लड़कियां घुड़सवारी कैसे करेगी। तब मेरा मानना था कि लड़की होकर भी घुड़सवारी की जा सकती है। एनसीसी डे पर परेड में सुदिप्ती ने इंदौर में ही घुड़सवारी देखी और फिर इसके बाद घुड़सवारी सीखने की शुरुआत हो गई। सुदीप्ति अभी 20 साल की हैं और 10 साल की थीं तब से ही उन्होंने इसे अपना शौक बना लिया था।
विक्रम, एकलव्य समेत कई सम्मान मिले
सुदीप्ति ने अभी तक अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 11 पदक जीते है, जबकि नेशनल स्तर पर 92 पदक अपने नाम किए हैं। सुदीप्ति को वर्ष 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार प्रदान किया था। वर्ष- 2017 में मप्र सरकार उन्हें एकलव्य पुरस्कार से नवाज चुकी है। उन्हें विक्रम अवार्ड भी मिल चुका है।
ढाई लाख रुपए महीने किराए पर लिया घोड़ा
स्पर्धा के लिए सुदीप्ति ने करीब 40 लाख रुपए कीमत का घोड़ा खरीदा था। मगर स्पर्धा से पहले उसे चोट लग गई। इसके बाद स्पर्धा में सुदीप्ति को ढाई लाख रुपए महीने किराए पर घोड़ा लेना पड़ा।