Gyanvapi case: Petition filed demanding disclosure of name of complainant advocate rejected

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद केस को एकल जज से वापस लेने की मांग करने वाले का खुलासा किया जाए। केस की अगली सुनवाई चार अक्तूबर को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने दिया है।

कमेटी की ओर से 18 सितंबर को अर्जी दी गई थी। मांग की गई थी कि कोर्ट इस बात का खुलासा किया जाए कि किस अधिवक्ता की शिकायत पर कोर्ट ने केस को दूसरी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया। इस मामले का खुलासा होने तक सुनवाई पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष केस की सुनवाई के संबंध में किसने शिकायत की, यह महत्वहीन है।

बता दें कि 11 अगस्त को मुख्य न्यायमूर्ति ने न्यायिक औचित्य और न्यायिक अनुशासन के साथ-साथ सूचीबद्धता में पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ से ज्ञानवापी विवाद मामले को वापस ले लिया था। अपने 12 पेज के आदेश में मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा था कि याची पक्ष की ओर से एक अधिवक्ता की शिकायत मिलने के बाद प्रशासनिक आधार पर उन्होंने यह आदेश पारित किया था। अंजुमने इंतजामिया कमेटी ने इस पर आपत्ति जताते हुए शिकायत करने वाले अधिवक्ता का नाम उजागर करने की अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने उस पर सुनवाई करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया। कहा कि शिकायत से संबंधित सभी रिकॉर्ड फाइलों में हैं। उसे कोई भी देख सकता है।



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