
रात तीन बजे खोला गया भदभदा डैम का एक गेट
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भोपाल में डैम के गेट खुलने का इंतजार लोगों को हर मानसून में रहता है। इस बार के मानसून ने भोपालवासियों को इस अवसर के लिए खासा इंतजार करवाया। लेकिन सितंबर माह में ये मौका आ ही गया, जब भदभदा डैम के गेट खोले गए।
भोपालवासियों को जिस घड़ी का इंतजार था। आखिर वह पल आ ही गया। भोपाल का बड़ा तालाब अपने फुल टैंक लेवल के नजदीक 1666.50 फीट पर पहुंच गया है। इसी को देखते हुए भदभदा डैम का एक गेट रात्रि तीन बजे खोला गया। इस मानसून में यह पहला मौका है जब भोपाल में किसी डैम का गेट खोला गया हो। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि 20 साल बाद ऐसा अवसर आया है जब सितंबर के महीने में भदभदा डैम का गेट खोला गया हो। इसके पहले 2003 में ऐसा मौका बना था। डैम के गेट खोले जाने की सूचना पाते ही उत्साहित भोपालवासी रात में ही अद्भुत दृश्य देखने के लिए भदभदा के नजदीक एकत्र हो गए। एतिहात के तौर पर सबसे पहले सायरन बजाया गया। उसके बाद डैम के गेट खोले गए। सीहोर में बारिश होने, कोलांस नदी में पानी बढ़ने और बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया के पानी भरने से ऐसी स्थिति बनी। आगे परेशानी न हो ऐसे में सतर्कता के लिए पहले से ही गेट खोलकर पानी को डिस्चार्ज किया है।
सीहोर में बारिश से बिगड़े हालात
सीहोर में चार घंटे के चार इंच बारिश दर्ज की गई। इसका असर सीहोर के साथ-साथ भोपाल के आस-पास ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भी देखने को मिला। कई स्थानों पर जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। छोटे पुल और रपटों पर से पानी बहने से आवागमन भी प्रभावित हो गया। कोलान्स नदी में आठ फीट से अधिक पानी भर जाने से हालात बिगड़ गए। जो लोग फंस गए थे, उन्हें सकुशल निकाला गया। भोपाल में अब तक 36.24 इंच बारिश हो चुकी है।