– 15वें वित्त आयोग के बजट से सौंदर्यीकरण पर जोर, मगर टूटी पड़ीं जगह-जगह की सड़कें
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। नगर निगम को 15वें वित्त आयोग का बजट मिला तो शहरवासियों ने नई सड़कें, स्ट्रीट लाइटों से जगमग रास्ते, नए पार्क से लेकर तमाम विकास कार्य होने के सपने संजो लिए थे। मगर इस बजट का ज्यादा पैसा आइकोनिक सड़क के विस्तार के नाम पर खर्च होने जा रहा है। पहले जिस सड़क को बनाने में स्मार्ट सिटी के नौ करोड़ खर्च हो गए, अब फिर से उस पर 15 करोड़ खपाने की तैयारी है।
मेडिकल कॉलेज गेट नंबर एक से इलाइट, बीकेडी होते हुए ग्वालियर रोड स्थित अटल पथ तक आइकोनिक सड़क बनाई जा रही है। इसके लिए करीब नौ करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ था। अलग-अलग पैच में बन रही इस सड़क का काफी काम पूरा भी हो चुका है। वहीं, शहर में विकास कार्य कराने के लिए शासन ने मई में 15वें वित्त आयोग की पहली किस्त 8.60 करोड़ रुपये जारी की थी। तीन महीने तक मेयर और नगर निगम के अफसर इस राशि को खर्च नहीं कर पाए। सितंबर में दूसरी किस्त 8.61 करोड़ भी जारी हो गई। अब इस बजट का ज्यादातर पैसा आइकोनिक सड़क के विस्तार पर ही खर्च करने की तैयारी है। इसके लिए नगर निगम के निर्माण विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। जबकि, स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च हो चुके करीब 900 करोड़ रुपये से ज्यादातर विकास कार्य परकोटे के अंदर या फिर आसपास के इलाकों में ही कराए गए। चाहें मैरी हो या फिर हंसारी, भगवंतपुरा हो या फिर गरियागांव, महानगर में होने के बावजूद इन क्षेत्रों में बहुत अधिक विकास कार्य नहीं हो पाया। अभी भी कई क्षेत्रों में सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। नगरा हाट के मैदान की सड़क जर्जर है। नालियां टूटी पड़ी हैं। नैनागढ़ से महावीरनपुरा जाने वाले मार्ग की मुख्य बाजार की सड़क में गड्ढे हैं। इसी तरह फिल्टर रोड, नारायण बाग, केकेपुरी, कारगिल पार्क की मुख्य सड़क, सीपरी बाजार से लहरगिर्द जाने वाले मार्ग में भी गड्ढे हैं। इसके बावजूद नगर निगम का फोकस सिर्फ सौंदर्यीकरण कार्य कराने पर है।
15वें वित्त आयोग की बैठक के लिए प्रस्ताव बनाया गया है। 15 करोड़ से आइकोनिक सड़क के विस्तार का प्रस्ताव है। वहीं, 80 लाख से वार्ड 50 की सड़क, वार्ड 48 में अतिक्रमण मुक्त कराई भूमि की 40 लाख से बाउंड्रीवाल बनाने और तीन करोड़ मार्ग प्रकाश विभाग को देने का प्रस्ताव है। हालांकि, अंतिम मंजूरी कमेटी देगी। – एमके सिंह, अधिशासी अभियंता, नगर निगम।