MP News: NGT withdrew penalty of Rs 5 lakh imposed on CS, government informed about 129 encroachments in Kaliy

कलियासोत डैम
– फोटो : सोशल मीडिया

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राजधानी के केरवा और कलियासोत बांध को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश का पालन नहीं करने पर मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव पर लगाई पांच लाख की पैनल्टी के आदेश वापस ले लिया गया है। एनजीटी को सरकार की तरफ से जवाब दिया गया कि पिछली सुनवाई में सीएस को सुनवाई में उपस्थित होने की सूचना एक दिन पूर्व देर रात मिली थी। ऐसे में उनको बिना तैयारी के कोर्ट में पेश होना पड़ा।

बता दें, 18 अगस्त को एनजीटी ने मुख्य सचिव पर पेनल्टी लगाई थी। इस आदेश के एक सप्ताह बाद ही बैंच के जज का ट्रांसफर हो गया था। इसका कई संस्थाओं ने विरोध किया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी के चेयरमैन और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को लिखित में शिकायत की थी। अब वर्तमान बैंच ने पूर्व बैंच के आदेश को वापस ले लिया है। इस मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई, जिसका लिखित आदेश गुरुवार को आया।

राज्य शासन ने एनजीटी को केरवा और कलियासोत डैम को बचाने की 512 पेज की विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इसमें दोनों बांध में सीवेज के पानी को रोकने और तालाब के किनारे से अतिक्रमण हटाने को लेकर रिपोर्ट दी। इससे पहले मुख्य सचिव ने बैंच को बताया कि उनको पिछली बैठक में सरकारी वकील द्वारा समय पर कार्रवाई को लेकर सूचना नहीं दी गई। न ही विभाग के तरफ से नियुक्त ओआईसी की तरफ से अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। इस लापरवाही के चलते सरकारी वकील ने अपना त्याग पत्र दे दिया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया गया। इसमें भोपाल नगर निगम के टाउन प्लानर आनंद निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ब्रजेश शर्मा शामिल हैं।

सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी गठित की

एनजीटी के आदेश का पालन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें राजस्व विभाग, जल संसाधन विभाग और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और वन विभाग के पीसीसीएफ एवं भोपाल कलेक्टर को शामिल किया गया है। इस समिति ने एनजीटी को बताया कि कलियासोत तालाब के किनारों पर 33 मीटर ग्रीन बेल्ट का क्षेत्रफल 79.022 हेक्टेयर है। केरवा डैम में यह 82.55 हेक्टेयर आता है। कमेटी ने बताया कि इस क्षेत्र के अतिक्रमण को मार्च 2024 तक हटा दिया जाएगा।

कलियासोत डैम पर 96 अतिक्रमण मिले

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कलियासोत डैम के चारों ओर चिन्हित किए गए और पहले से लगाए 123 पिलर में से 64 पिलर डैमेज पाए गए। समिति के द्वारा उसके स्थान पर कुल 679 पिलर लगाए जाने है। जिसमें से 227 पिलर लगाए भी जा चुके हैं। बाकी अक्तूबर 2023 तक लगा दिए जाएंगे। केरवा डैम पर पहले से लगाए सीमांकन के लिए पिलर गायब हैं। समिति ने यहां 1080 पीलर लगाने की बात कहीं है। इसमें से 330 पीलर लगाए जा चुके हैं। अतिक्रमण के संबंध में कमेटी ने पाया कि कलियासोत डैम पर 96 अतिक्रमण मिले हैं। जिसमें से 84 अतिक्रमण सरकारी भूमि पर हैं। सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजा गया है।

चार जगह सीवेज का पानी मिल रहा

केरवा डैम पर समिति को 33 अतिक्रमण मिले हैं। 18 अतिक्रमण सरकारी जमीन पर मिल हैं। इन्हें भी नोटिस दिया गया है। राज्य स्तरीय समिति ने कलियासोत डैम के पानी को ए से बी कैटेगिरी का पाया है। जबकि केरवा डैम के पानी को बी कैटेगिरी का पाया गया है। यानी दोनों का पानी नहाने धोने के लिए उपयुक्त हैं। समिति ने बताया कि कलियासोत डैम में समिति को चार जगह पर सीवेज का पानी सीधे तालाब में मिलते दिखा। इसके लिए केरवा और कलियासोत डैम के विभिन्न स्थानों पर अनुपचारित सीवेज को रोकने लिए एसटीपी लगाने की बात कही गई है। समिति ने केरवा और कलियासोत के बफर जोन में सघन पौधरोपण का कार्य सितंबर 2024 तक पूरा कर लेने की बात कही है।



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