
काॅल कल भक्त बताते है गणेश जी को अपनी समस्या।
– फोटो : amar ujala digital
विस्तार
हैलो..गणेशजी मैं बहुत मुसीबत मेें हूं, मेरे संकटों को दूर कर लेना। ऐसे वाक्य अक्सर जूना गणेश मंदिर के बप्पा के कानों में गूंजते है। गणपति अपने भक्तों की परेशानी मोबाइल पर सुनते है। इंदौर के जूना गणेश मंदिर के गणेशजी को मोबाईल वाले गणेशजी के नाम से पहचाना जाता है। पहले गणेशजी को ढेरों पत्र आते थे, जो पुजारी उन्हें पढ़ कर सुनाते थे।
इस मंदिर का इतिहास करीब सैकड़ों साल पुराना है और मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। गणशोत्सव के समय तो सुबह से ही भक्तों के काॅल आने लगते हैं। सात समंदर पार विदेशों में भी इनके भक्त है जो अपने आराध्य के दर्शन और मनोकामनाओं के साथ इंदौर पहुुंचते है, लेकिन जो नहीं आ पाते हैं वे मोबाइल से गजानन के दर्शन करते हैं और मोबाइल के जरिए समस्याओं को गणेशजी को बताते है। अब एक नई टेक्नोलाजी आने से भक्त घर बैठे वीडियो कालिंग से भी गणेश के दर्शन कर उन्हे अपनी समस्या से अवगत कराते है।
चिंतामन गणेश के भक्त पहले अपनी समस्या चिठ्ठी लिख कर भेजते थे लेकिन 20 सालों से अब सीधे मोबाईल पर समस्या सुनते है, दस दिनों के गणेश महोत्सव में तो चिंतामन गणेश को सैकड़ों फोन काॅल अाते है। भक्त शादी या शुभ कार्य का प्रथम न्योता गणेश को अर्पित करते है।
मंदिर पुजारी मनोहर लाल पाठक बताते हे कि जूनी इंदौर का प्राचीन मंदिर करीब एक हजार साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना परमार राजाओं ने करवाई थी। पौराणिक कथा के अनुसार औरंगजेब इस मंदिर को नुकसान पहुंचाने के मकसद से आया था लेकिन जब वह मंदिर के दरवाजा का ताला तोड़कर भीतर दाखिल हुआ वो गजानन के चमत्कार को देखकर हक्का-बक्का रह गया। गजानन के इस रूप को देख उसने यहां माथा टेका और उलटे पांव लौट गया था।
भक्तों के संकटो को हरने वाले जूनी चिंतामन गणेश दूसरे नामों से भी पहचाने जाते है। इस मंदिर को अब लोग चिट्ठी वाले गणेश या मोबाइल गणेश के नाम से जानने लगे है। ऐसा इसलिए है कि गजानन के भक्त इंदौर ही नहीं देश और विदेशों में भी हैं। शहर से बाहर रहने वाले भक्त अकसर अपने रिश्तेदारों को काॅल करते है तो पुजारी पाठक उनको गजानन के दर्शन कराते हैं और उनकी समस्या गणेश को सुनाते है। इसके साथ ही वे समय-समय पर बाबा को याद करते हुए अपनी चिंता मोबाइल पर बताते है और जब उनकी समस्या का निवारण हो जाता है तो वे तब भी बाबा को धन्यवाद स्वरूप एक लेटर भेजते है।
पुजारी के अनुसार दुबई, नेपाल,जर्मनी, जापान जैसे कई देशों से भक्तों के फोन आते है और चिट्ठियां यहां पहुंचती हैं। देश और विदेशों में रहने वाले कई भक्त तो उनके परिचितो को फोन करते हैं और हम उनकी बात गणेश से करा देते है साथ ही जब उन्हें कोई मुराद मांगनी होती है तो हम फोन को गजानन के पास रख देते हैं और वे भगवान से अपनी मन्नत कह देते हैं। जिसके जरिए वो अपने दिल की बात भगवान तक पहुंचाते है। गणेश चतुर्थी के मौके पर तो भगवान के लिए फोन कॉल्स की संख्या दो सौ तक पहुंच जाती है।