
कबाड़ हो रही एंबुलेंस
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जिला चिकित्सालय के पीछे बड़ी संख्या में पुरानी एम्बुलेंस पड़ी हुई है और नई भी नहीं खरीदी जा रही हैं। इधर देख-रेख नहीं होने से कंडम एम्बुलेंस के पार्ट्स और भी खटारा होने लगे हैं। यदि जल्द ही नीलामी नहीं हुई तो एम्बुलेंस के जो पार्ट्स सही हालत में हैं वो भी खराब हो जाएंगे। आखिर में जब नीलामी की बारी आएगी तो जो राशि आज मिल सकती है, वो भी नहीं मिलेगी। ऐसे में विभाग को राजस्व का नुकसान भी होगा।
दरअसल इमरजेंसी सेवा में काम आने वाली एंबुलेंस की फ्री सेवा का असल हाल देखना हो तो चामुंडा माता चौराहा के समीप स्थित सिविल अस्पताल परिसर में नजर डालिए। यही हाल चरक अस्पताल परिसर में भी देखने को मिलते हैं। जहां सालों से यह एंबुलेंस ऐसी ही पड़ी हुई है। इनके रीसेल या नीलामी का नियम है, जो एक साल से अटका हुआ है। ऐसे में कबाड़ हो रही इन गाड़ियों के पार्ट्स भी चोरी हो रहे हैं। जिला अस्पताल परिसर में 27 एंबुलेंस कंडम खड़ी है। इसके मीटर, बंपर समेत अन्य सामान गायब हो चुके हैं। जल्द ही बाकी सामान भी गायब हो सकता है।
जल्द ही एंबुलेंस की नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी – सिविल सर्जन
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने बताया कि कंडम हो चुकी एंबुलेंस को नीलाम करने का नियम है। जल्द ही एंबुलेंस की नीलामी प्रक्रिया कराई जाएगी। सामान गायब होने की भी जानकारी ली जाएगी।