
इंदौर में रहवासी भी करते है सफाई।
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इंदौर का स्वच्छता सर्वेक्षण हो चुका है और जल्दी ही स्वच्छता रैंकिंग घोषित होने वाली है। शहर के जनप्रतिनिधियों व अफसरों को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी इंदौर सफाई में नंबर वन आएगा। उसके पीछे वे जनता की जनभागीदारी स्वच्छता की सबसे बड़ी ताकत मानते है। उनका कहना है कि इंदौर में सफाई सिर्फ स्पर्धा में पहले स्थान पर आने के लिए नहीं होती है। सालभर इंदौरवासी सफाई में सहयोग करते है। रहवासी सफाई माॅडल की महत्वपूर्ण कड़ी है। स्वच्छता इंदौर की आदत बन चुकी है।
स्वच्छता में यह है इंदौर की ताकत
– शत प्रतिशत घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था लागू है। पूरा शहर कचरा पेटी विहिन है।
– संग्रहित कचरे की प्रोसेसिंग व्यवस्थित हो रही है। कचरे से प्राकृतिक गैस, खाद और ईधन बन रहा है। इंदौर कार्बन क्रेडिड के साथ प्लास्टिक क्रेडिट भी हासिल कर चुका है।
– शहर को पिछले साल वाटर प्लस में सेवन स्टार रैटिंग मिल चुकी है। नालों को प्रदूषण से मुक्त किया जा रहा है।
– कचरे को पुर्नउपयोग करने पर अब निगम ध्यान दे रहा है। कई रहवासी घरों में ही कचरे से खाद बनाने लगे है।
थ्री आर पर इंदौर ने अच्छा काम किया
इंदौर ने थ्री आर पद्धति अपनाई है। रिड्यूज, रियूज और रिसायकल का सिस्टम भी शहर में बन रहा है। इंदौर पहले ही छक्का मार चुका है। हम सफाई के मामले में दूसरे शहरों के लिए माॅडल सिटी है। इस बार भी इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन रहेगा।-इलैया राजा टी, कलेक्टर
इंदौर मेें स्वच्छता स्पर्धा के लिए नहीं
इंदौर में स्वच्छता स्पर्धा के लिए नहीं अपनाई गई है। शहर में सफाई का सिस्टम विकसित हो चुका है। सबसे मजबूत कड़ी घर-घर कचरा संग्रहण है। जिससे आम आदमी जुड़ता है। पांच अलग-अलग प्रकार से वह कचरे को वाहन में डालता है। इससे कचरे के निपटान में आसानी हो जाती है। अब हमारा फोकस कचरे के रियूज और रिसायकल पर है, ताकि घरों से कचरा कम निकले। -हर्षिका सिंह, निगमायुक्त
सातवीं बार भी रहेंगे नंबर वन
इंदौर में स्वच्छता का सर्वेक्षण हो चुका है। उम्मीद नहीं पूरा विश्वास है कि इंदौर फिर नंबर वन आएगा। हम अब प्रदूषण कम करने पर फोकस कर रहे है। इंदौर में 22 सितंबर को नो कार डे मनाया जा रहा है। इस तरह के नवाचारों से शहर का प्रदूषण कम करेंगे।– पुष्य मित्र भार्गव, मेयर