
सांकेतिक तस्वीर
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मध्यप्रदेश कांग्रेस को यह डर है कि उनके राजनेता विधानसभा चुनाव 2030 में कहीं भीतरघात न कर दें। ऐसे में पार्टी ने उन्हें मनाने का जिम्मा अब सचिव टीम लीडर्स और सह प्रभारी को सौंपा है। दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि जन आक्रोश यात्रा के दौरान उनके कई नेताओं की नाराजगी देखने को मिल सकती है, जिस पार्टी की तैयारी पर पानी फिर सकता है।
ऐसे में पार्टी ने यह निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां जन आक्रोश यात्रा जाए, उसके तीन दिन पहले एआईसीसी सचिव, टीम लीडर्स और सह प्रभारी उसे क्षेत्र के नाराज नेताओं से मुलाकात कर उनकी नाराजगी को पूरी तरह से दूर कर दें। ताकि यात्रा के दौरान कोई विवाद और विघ्न उत्पन्न न हो। ऐसे नेताओं की जानकारी और सूची तैयार करने के लिए जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों को पार्टी की ओर से निर्देशित किया गया है। विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। कांग्रेस की तैयारियां चरम पर हैं, ऐसे में पार्टी को अपनी जन आक्रोश यात्रा से बहुत उम्मीद है। उसे सफल बनाने के लिए कांग्रेस पूरी सतर्कता और सुनियोजित तरीके से काम कर रही है।
दें यात्रा का आमंत्रण और सम्मान
इसके साथ ही पार्टी की ओर से यह भी कहा गया है कि जन आक्रोश यात्रा के पहुंचने से पहले क्षेत्र के अपने सभी मुख्य नेताओं को बुलाएं, उन्हें पूरा सम्मान दें। गौरतलब है कि कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा 19 सितंबर से सात अलग-अलग क्षेत्र में निकल रही है। करीब 11,400 किमी की इस यात्रा का नेतृत्व सात अलग-अलग पार्टी लीडर कर रहे हैं।