
खजराना गणेश मंदिर
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इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में गणपति बप्पा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनेगा। 10 दिन बप्पा का अलग-अलग श्रृंगार होगा। खजराना गणेश स्वर्ण मुकुट पहनेंगे और करीब तीन करोड़ के स्वर्ण आभूषण पहनाए जाएंगे। इसके अलावा पहले दिन सवा लाख मोदकों का भोग लगाया जाएगा। इस प्राचीन मंदिर के प्रति आस्था सिर्फ इंदौरवासियों की ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों तक भी है। इंदौर में जब भारत की क्रिकेट टीम मैच खेलने आती है तो ज्यादातर खिलाड़ी मंदिर में दर्शन करने आते है।गणेशोत्सव के दौरान तो मंदिर की रौनक अलग ही रहती है।
महल थीम पर मंदिर की सजावट
मंदिर प्रबंधक घनश्याम शुक्ला ने बताया कि दस दिन श्री गणेश का अलग-अलग अाभूषणों से श्रृंगार होगा। मंदिर की सजावट महल थीम पर रखी गई है अौर अाकर्षक विद्युत सज्जा भी की गई है। उत्सव अवधि में मंदिर के दर्शन 24 घंटे हो सकेंगे। गणेश चतुर्थी के दिन सवा लाख लड्डू का भोग लगेगा। इस दिन अन्न क्षेत्र बंद रहेगा। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर फूल बंगला भी सजाया गया है।
देवी अहिल्या ने बनाया था मंदिर
खजराना गणेश मंदिर की प्रतिमा स्वयंभू है। मंदिर पुजारी सतपाल महाराज के अनुसार खजराना के एक कुंए से प्रतिमा निकली थी। 18 वीं शताब्दी में देवी अहिल्या बाई ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त अपनी मन्नत लेकर आता है और काम पूरा होने पर वह भगवान गणेश की प्रतिमा के पीछे उल्टा स्वास्तिक बनाता है और मोदक व लड्डू का भोग लगाता है। हर वर्ष इस मंदिर में करोड़ों रुपये का दान आता है।
परिवार में मांगलिक कार्य हो या नए वाहन की खरीदी भक्त पहले मंदिर में कार्ड रखने और वाहन की पूजा कराने आते है। विभिन्न त्योहार मंदिर में धूमधाम से मनाए जाते है। प्रति दिन हजारों भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आते है। मंदिर प्रशासन कई सेवा कार्य भी संचालित करता है। परिसर में प्रतिदिन अन्नक्षेत्र चलता है। इसके अलावा मरीजों का इलाज भी किया जाता है।