Pramod Tandon said- BJP considers people coming from other parties as untouchable.

प्रमोद टंडन फिर कांग्रेस में।
– फोटो : amar ujala digital

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केंद्रीय मंत्री ज्योतियादित्य सिंधिया के साथ दो साल पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए प्रमोद टंडन की फिर घर वापसी हो गई है। वे 23 सितंबर को गांधी भवन में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। टंडन के अलावा राऊ के भाजपा नेता दिनेश मल्हार ने भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने का फैसला लिया है।

भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की वजह प्रमोद टंडन ने बताते हुए कहा कि सत्ता के दुरगुण सभी राजनीतिक दलों में आ जाते है। भाजपा भी अहंकार, तानाशाही और मनमानी का शिकार हो चुकी है। कार्यकर्ता की उपेक्षा होती है। जो लोग भाजपा के परिवार में शामिल हुए है। उन्हें अछूत मानना, उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है।

भाजपा के नेता विपक्ष दलों की आलोचना निचले स्तर पर जाकर करते है। खासकर नेहरु गांधी परिवार के बारे में गलत बातें कहते है। मैं विद्रोही स्वभाव का हुं, इसलिए यह बात मुझे कचोट रही थी। इसलिए मैं भाजपा छोड़ रहा हुं। न मुझे चुनाव लड़ना है और न कोई पार्टी के सामने कोई शर्त रखी है। मैं कांग्रेस संगठन का काम करुंगा।

सिंधिया के पास समय

टंडन ने कहा कि मंत्री ज्योदिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट से मेरी कई दिनों से बात नहीं हुई। वे दोनो व्यस्त रहते है। उनके पास टंडन के लिए समय नहीं है। मेरे समर्थक भी भाजपा छोड़ रहे है।

कांग्रेस के नगर अध्यक्ष रह चुके है टंडन

टंडन शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके है। वे कांग्रेस के टिकट से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके है, लेकिन जीत नहीं पाए थे। वे माधव राव सिंधिया से जुड़े थे। उनके निधन के बाद  उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति भी उनकी राजनीतिक आस्था रही।



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