
तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर तराना विधानसभा की पहचान है।
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उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाली तराना विधानसभा सीट के मतदाताओं का मिजाज कुछ अलग है। इस विधानसभा के 33 वर्षों के इतिहास पर नजर दौड़ाइ जाए तो यहां से कुल दो बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा विजयी हुई है, लेकिन क्षेत्र के मतदाताओं ने जिस भी विजय हुए प्रत्याशी को एक बार अपना जनप्रतिनिधि चुना उसे फिर अगली बार अपनी सेवा का मौका कभी नहीं दिया। 1993 भाजपा के माधव प्रसाद शास्त्री इस विधानसभा से विधायक रह चुके हैं, लेकिन जब पार्टी ने उन्हें वर्ष 1998 में दूसरी बार चुनावी मैदान में उतारा तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसा ही कुछ 1998 में तराना से विधायक रहे कांग्रेस के विधायक बाबूलाल मालवीय के साथ भी हो चुका है, जिन्होंने विधायक रहने के बाद विधानसभा चुनाव 2003 और 2008 में विधानसभा से फिर चुनाव लड़ा था, लेकिन क्षेत्र की जनता ने इन्हें नकार दिया और इनकी बजाय दोनों ही बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को यहां से जीत मिली। ऐसा ही कुछ 2013 में भी हुआ जब भाजपा के अनिल फिरोजिया यहां से विधायक बने लेकिन जब 2018 में पार्टी ने उन्हें फिर इस सीट से चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया तो उन्हें 2209 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार से हार का सामना करना पड़ा था। वैसे यह बात अलग है कि यह चुनाव हारने के बाद अनिल फिरोजिया लोकसभा का चुनाव लड़े और इस चुनाव में उन्हें विजय श्री मिली और वर्तमान में वे उज्जैन आलोट लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं।
एम सिंह और दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी रहे 10-10 वर्षों तक विधायक
1962 में तराना विधानसभा सीट से कांग्रेस के एम सिंह को विजय श्री हासिल हुई थी, जिसके बाद 1967 में भी क्षेत्र की जनता ने उन्हें भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ने पर अपना जनप्रतिनिधि चुना था। यही कारण रहा कि वे कुल 10 वर्षों तक तराना के विधायक रहे। ऐसा ही कुछ 1980 और 1985 में भी हुआ था। जब कांग्रेस पार्टी के दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी को क्षेत्र की जनता ने काफी पसंद किया था और कुल 10 वर्षों तक वे तराना के विधायक रहे।
विधानसभा में हैं कुल इतने मतदाता
तराना विधानसभा को लेकर यदि 31 जुलाई 2023 तक प्रशासनिक आंकड़ों पर नजर दौड़ाइ जाए तो पता चलेगा कि यहां कुल 238 पोलिंग बूथ हैं। जहां के कुल मतदाता 1,84,133 हैं, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 93,690 महिला मतदाताओं की संख्या 90,437 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या कुल छह है। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में गुर्जर, ठाकुर और मालवीय समाज का अधिपत्य है, जो कि हमेशा ही यहां निर्णायक की भूमिका में रहता है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से ताराचंद गोयल को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जो कि 2003 में विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। जबकि कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक महेश परमार भी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं और उनके कमलनाथ के करीबी होने से उनका टिकट फाइनल भी माना जा रहा है।
यह है तराना विधानसभा की पहचान
तराना विधानसभा की पहचान यहां के अतिप्राचीन तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से होती है। जिसका जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने करवाया था। उनके द्वारा यहां एक तालाब का निर्माण भी करवाया गया था, जो कि वर्तमान में जलस्त्रोत का प्रमुख केंद्र माना जाता है। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह दत्त अखाड़ा से संबंधित मंदिर है। इसके साथ ही क्षेत्र में कोटेश्वर महादेव मंदिर, करेड़ी माता मंदिर भी प्रमुख है।
1998 में 21,700 से मिली थी सबसे बड़ी जीत
तराना विधानसभा क्षेत्र के चुनावी परिणामों पर नजर डालें तो 1998 में कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय ने यहां 21,700 वोटों से भाजपा के डॉ. माधव प्रसाद शास्त्री को पराजित किया था। जबकि 1980, 1985 व 2013 में जीत हार का अंतर लगभग 16,500 वोटों का रहा। लेकिन 2018 में कांग्रेस के महेश परमार ने भाजपा के अनिल फिरोजिया को महज 2,209 वोटों से पराजित किया था। यह अंतर अब तक के चुनावी परिणामों में दोनों ही पार्टियों में सबसे कम था।
अब तक यह रह चुके हैं विधानसभा क्षेत्र से विधायक
तराना विधानसभा के 61 वर्षों के इतिहास पर नजर डाले तो पता चलेगा कि अब तक अलग-अलग पार्टियों से कुल 13 विधायक इस विधानसभा में विधायक रह चुके हैं। जिसमें वर्ष 1962 में एम सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1967 में एम सिंह भारतीय जनसंघ, 1972 में लक्ष्मीनारायण जैन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1977 में नागूलाल मालवीय, जनता पार्टी, 1980 में दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (क), 1985 में दुर्गा प्रसाद सूर्यवंशी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1990 में गोविंद परमार भारतीय जनता पार्टी, 1995 में माधव प्रसाद शास्त्री, भारतीय जनता पार्टी, 1998 बाबूलाल मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 2003 ताराचंद गोयल भारतीय जनता पार्टी, 2008 में रोडमल राठौर भारतीय जनता पार्टी, 2013 में अनिल फिरोजिया भारतीय जनता पार्टी, 2018 में महेश परमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से वर्तमान विधायक हैं।