उरई। प्रधानी के चुनाव की रंजिश में गोली मारकर हत्या के मामले में जिला न्यायाधीश लल्लू सिंह ने पिता-पुत्र समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा प्रत्येक एक लाख दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। मामला साढ़े सात साल पुराना है।
जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि कदौरा थाना क्षेत्र के मवई अहीर निवासी नसीमुद्दीन ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 10 मार्च 2016 को जैनुन चचेरे भाई इमरान के साथ चाची ताहिरा के घर जा रही थी। मोहल्ले के घोपल के घर के बाहर से निकली तो घोपल ने प्रधानी के चुनाव में वोट न देने का आरोप लगाकर गालीगलौज की। जैनुन ने इसकी जानकारी घरवालों को दी। इस पर चचेरे भाई जहरुद्दीन परिवार के साथ वहां पहुंचे। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। सावन समेत सात लोगों ने जहरुद्दीन को घेर लिया और तमंचे से गोली मार दी। उसकी मौके पर मौत हो गई।
जहरुद्दीन के चचेरे भाई नसीमुद्दीन ने सात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। केस की विवेचना सीओ कालपी रुद्र कुमार सिंह ने की और सातों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सफीउल्ला के बेटे इमरान, इरफान और सावन
साढ़े सात साल चली सुनवाई के बाद सोमवार को जिला जज लल्लू सिंह ने दोनों अधिवक्ताओं के बीच जिरह और गवाहों के बयान सुनने के जिला जज ने सफीउल्ला (64), उसके पुत्र सावन (39), इरफान (37) और इमरान इमरान (35) के अलावा जसीम (42), व नब्बन (62) को हत्या का दोषी पाया। न्यायाधीश ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और सभी पर एक लाख दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान आरोपी घोपल की मौत हो चुकी है, जिसे विवेचना से अलग कर दिया गया था।