Gandhi Hall, which was renovated with Rs. 10 crores, is now in ruins, doors are broken, cracks are appearing.

गांधी हाॅल का टूटा दरवाजा।
– फोटो : amar ujala digital

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इंदौर में शहर के ऐतिहासिक स्थलों को करोड़ों रुपये लगाकर मजबूत और सुंदर बना दिया गया, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस वजह से वे फिर से खंडहर में तब्दील होने लगे है। गांधी हाॅल में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की गई,लेकिन छह माह से उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा।

पहले पीपीपी पर उसे संचालित करने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन विरोध होने पर नगर निगम ने हाथ खींच लिए। पहले की तरह फिर हाॅल के बरामदे में नशेड़ी नजर आने लगे है। बरामदे में दरारें आ रही है और दरवाजे टूटने लगे है। उनके नकूचे, हेंडल भी चोरी हो रहे है।

जयपुर में पुराने महलों को पर्यटन स्थल के रुप में सरकार ने तब्दील किया है, लेकिन इंदौर में पुरानी और सुंदर इमारतों का पर्यटन के हिसाब से कोई उपयोग नहीं हो रहा है। प्रवासी सम्मेलन के समय 15 करोड़ रुपये की डिटिजल प्रदर्शनी को इंदौर को देने का फैसला हो गया था। प्रदर्शनी का बेशकीमती सामान इंदौर के ही किसी गोडाउन में रखा गया है। उस प्रदर्शनी का उपयोग गांधी हाल या राजवाड़ा में हो सकता है, लेकिन जनप्रतिनिधि भी इसमें कोई रुचि नहीं ले रहे है। परिसर को संवारने की योजना पर भी अमल नहीं हो पाया है।

टूट गया दरवाजा, सिलिंग भी हो गई कमजोर

गांधी हाल की गैलरी में प्रवेश करने वाला दरवाजा टूट गया है। मुख्य गेट का कांच भी टूट गया। इसके अलावा बरामदे और हाॅल के भीतर की सिलिंग भी कमजोर हो गई है। इस मामले में जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर का कहना है कि गांधी हाॅल की प्लानिंग का जिम्मा स्मार्ट सिटी के अफसरों को दिया गया है। उसके रखरखाव की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है।



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