
सोयाबीन की फसल।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर संभाग में पहले सूखे की वजह से किसान परेशान था क्योंकि सोयाबीन की फसल मुरझा गई थी। कम दिनों में पकने वाली सोयाबीन को सूखे के समय सबसे अधिक नुकसान हुआ और अधिक दिनों में पकने वाली सोयाबीन बच गई थी। अब भीषण बारिश ने अधिक दिनों में पकने वाली सोयाबीन को भी बर्बाद कर दिया है। खेतों में पानी भरा हुआ है और किसान परेशान है।
शुक्रवार से शनिवार को इंदौर संभाग में 11 इंच बारिश हुई। इंदौर के आसपास के सभी क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं। देपालपुर, सांवेर, महू, हातोद में भी भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है। इससे सोयाबीन की दोनों तरह की फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश नहीं थमी और खेतों में पानी जमा रहा तो सारी फसलें खराब हो जाएंगी।
किसानों से पता चलेगी सही स्थिति
एग्रीकल्चर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एसएस राजपूत का कहना है कि भारी बारिश से 80 से 100 दिनों की वैरायटी वाली सोयाबीन को नुकसान हो सकता है। क्योंकि वो पकने ही वाली थी। जो सोयाबीन 100 से 120 दिनों में पकने वाली थी उसे अधिक नुकसान की संभावना कम है। जल्द ही विभाग किसानों से बात करके सही स्थिति पता करेगा।
नदी, तालाब के पास के खेतों में ज्यादा नुकसान
जिन किसानों के खेत नदी, तालाबों के पास हैं उन्हें तो बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उनके खेतों में पानी पूरी तरह से भरा हुआ है। यदि एक से दो दिन में पानी रुकने के बाद मौसम नहीं खुला तो पूरी फसल खराब हो जाएगी। इन किसानों के खेत पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं।