मध्य प्रदेश में हो रही जोरदार बारिश से बेतवा नदी में पानी की आवक ज्यादा होने से बढ़ रहा बांध का जलस्तर
राजघाट से चंदेरी जाने वाला पुल पानी में डूबा
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। मध्य प्रदेश में हो रही जोरदार बारिश से बेतवा नदी में पानी की आवक ज्यादा होने से राजघाट बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है। ऐसे में इसे निर्धारित करने के लिए बांध के 10 गेट खोलकर 1.39 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही। बांध से इतनी अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से पूर्व सिंचाई विभाग सहित जिला प्रशासन ने निचले क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा लोगों से नदी क्षेत्र में न जाने की अपील की है।
जिले में पिछले करीब एक सप्ताह से जोरदार बारिश हो रही है। इससे जो बांध कुछ दिन पूर्व तक खाली थे वह अब लबालब हो गए हैं। वर्तमान में जनपद के बांधों की स्थिति यह हो चुकी है कि सभी अपने पूर्ण जलस्तर तक भर चुके हैं, इससे पानी अधिक होने पर गेट खोलने पड़ रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश क्षेत्र में हो रही जोरदार बारिश से बेतवा नदी में पानी की आवक ज्यादा हो रही है। इससे राजघाट बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है। इस कारण से शुक्रवार की रात से गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई।
शनिवार की सुबह राजघाट बांध के चार गेट खोलकर 27408 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। शाम को बेतवा नदी में पानी की आवक और ज्यादा होने लगी। इसे देखते हुए राजघाट बांध के दस गेट खोलकर 1.39 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही। बांध से इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने से राजघाट से चंदेरी जाने वाला पुल पानी में डूब गया। एहतियात के तौर पर राजघाट-चंदेरी पुल के दोनों ओर पुलिस तैनात कर दी गई है।
पांच बांधों के भी गेट खोलकर छोड़ा गया पानी
शुक्रवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुई जोरदार बारिश से गोविंद सागर बांध, कचनौंदा बांध, जमरार, भावनी बांध में पानी की आवक बढ़ गई। इससे बांधों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी। जलस्तर को निर्धारित रखने के लिए शुक्रवार की रात को गोविंद सागर बांध के चार गेट खोलकर 1600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रात दो बजे गेटों को बंद कर दिया गया। वहीं शनिवार की सुबह बांधों कचनौंदा बांध से 2885 क्यूसेक, जमरार बांध से 673 क्यूसेक, भावनी बांध से 4165 क्यूसेक और माताटीला से 22050 क्यूसेक पानी की निकासी की गई।
बांध के 10 गेट खोलकर 1.39 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। निचले इलाके के लोगों से अलर्ट रहने और नदी क्षेत्र में न जाने की अपील की गई है।
-इं. भागीरथ, अधिशासी अभियंता, सिंचाई निर्माण खंड प्रथम