– विकास कार्य न होने से लोगों की बढ़ रही दिक्कत

अमर उजाला ब्यूराे

झांसी। महानगर में विकास कार्य कराने के लिए नगर निगम का खाते में 17 करोड़ रुपये का बजट पड़ा है, लेकिन महापौर और अफसरों के पास इसे खर्च करने का वक्त नहीं है। विकास कार्यों को मंजूरी देने वाली समिति की बैठक न होने से पार्षदों और लोगों की परेशानी बढ़ रही है। जगह-जगह सड़कें टूटी पड़ी हैं, गलियों में अंधेरा पसरा है। पार्क बदहाल हो गए हैं, लेकिन निगम के जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं है।

केंद्र सरकार की ओर से नगर निगम को 15वें वित्त आयोग के तहत बजट दिया जाता है। इससे नई सड़कों का निर्माण, नाली निर्माण, सड़क की मरम्मत, लाइटें लगवाने और जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने जैसे काम कराए जाते हैं। निकाय चुनाव के बाद जून में झांसी नगर निगम को 15वें वित्त आयोग के तहत 8.60 करोड़ रुपये मिले थे। इस बजट को खर्च करने के लिए नगर निगम में समिति बनी होती है, जिसके अध्यक्ष महापौर होते हैं। मगर करीब तीन महीने बीतने के बावजूद मेयर बिहारी लाल आर्य बैठक करने के लिए समय नहीं निकाल पाए। बताया जाता है कि करीब दो सप्ताह पहले बैठक करने के लिए मेयर ने समय भी दे दिया था, लेकिन वे खुद ही बैठक में नहीं पहुंचे।

अब शासन ने 15वें वित्त आयोग के तहत 8.61 करोड़ की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। कुल मिलाकर नगर निगम के खाते में अब 17.21 करोड़ रुपये का बजट है, लेकिन बैठक न होने से विकास कार्य ठप पड़े हैं। विकास कार्य न होने से पार्षदों में जबरदस्त आक्रोश है। पार्षदों का कहना है कि निर्माण विभाग के पास विकास कार्यों के प्रस्ताव लेकर जाते हैं तो बजट न होने की बात कह दी जाती है। जबकि जनता सड़क टूटी होने पर उनको टोकती है। निगम अफसरों और जिम्मेदारों की लापरवाही की सजा उनको भुगतनी पड़ रही है।

यहां टूटी पड़ी सड़कें

– बड़ागांव गेट बाहर मद्रासी कॉलोनी

– ग्वालियर रोड से आईटीआई मार्ग

– नारायण बाग से शिवाजी नगर मार्ग

– दतिया गेट से फिल्टर रोड

– नई बस्ती पठौरिया मार्ग

– चित्रा चौराहा से रेलवे स्टेशन मार्ग

दो-तीन दिन में 15वें वित्त आयोग का बजट खर्च करने को लेकर बैठक हो जाएगी। इसमें कहां-क्या काम होना है, उसको लेकर योजना बन जाएगी। – संतोष कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम।



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