इंदौर में भारी बारिश ने कोहराम मचा दिया है। शुक्रवार शाम को शुरू हुई बारिश ने शनिवार शाम तक पूरे शहर के जलमग्न कर दिया। एक ही दिन में रिकार्ड 11 इंच बारिश हुई है। बताया जा रहा है कि 61 साल में पहली बार इतनी भीषण बारिश हुई है। जल प्रलय ने पूरे इंदौर को तहस नहस कर दिया है। सड़कों पर बसें, कारें बहती हुई दिख रही हैं। कई बस्तियों में लोग सड़कों पर तैरकर जान बचाते हुए नजर आए। प्रशासन का दावा है कि अभी तक कोई जान माल की हानी नहीं हुई है पर पानी रुकने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। दूर दराज के गांवों, नदी-तालाबों के पास की बस्तियों और बड़े नालों के पास रहने वाले लोगों की तो जान पर ही बन गई है। शहर की कई संस्थाएं लगातार लोगों की जान बचाने में लगी हुई हैं। प्रशासन प्रभावितों में फूड पैकेट बंटवाएगा।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग का अनुमान है कि रविवार यानी कि 17 सितंबर को भी इसी तरह बारिश जारी रह सकती है। 18 सितंबर को मौसम साफ होने की उम्मीद है। इंदौर के साथ मध्यप्रदेश के कई जिलों का यही हाल है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह चेतावनी पूरे संभाग के लिए दी गई है।
बाढ़ में फंसे 21 लोगों को बचाया, मोटरबोट से जाकर मेडिकल टीम ने डिलिवरी करवाई
दोपहर में राऊ तहसील के ग्राम कलारिया में गंभीर नदी डेम की बाढ़ में फंसे 21 लोगों को जिला प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चला कर बचाया। इनमें महिलाएं, बच्चे सहित कुछ मछुआरे डेम के समीप घिरे हुए थे। हालात बिगड़ने की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और जिला प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर सभी को सुरक्षित निकाल लिया है। एनडीआरएफ, होमगार्ड की रेस्क्यू टीम ने सांवेर के ग्राम गवला में पानी से घिरे इलाके में मेडिकल टीम के साथ मोटरबोट से पहुंच कर महिला की डिलिवरी करवाई। इंदौर प्रशासन द्वारा होमगार्ड, एसडीईआरएफ के अमले के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य कर अब तक 200 से अधिक लोगों की जानें बचाई गई।
मोरटक्का पुल बंद, जाम गेट के आगे लैंडस्लाइड
शनिवार सुबह सुपर कॉरिडोर पर सर्विस रोड की पुलिया से स्टाफ की मिनी बस बह गई। 15 लोग सवार थे, सभी को बचा लिया गया है। शहर की अधिकांश कालोनियों में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। कई निचली बस्तियां तो पूरी तरह से डूब चुकी हैं। खंडवा रोड पर नर्मदा का मोरटक्का पुल बंद कर दिया गया है। महू मंडलेश्वर मार्ग जाम गेट के आगे लैंडस्लाइड में मलबा गिरने से मार्ग बंद हो गया है। नदी, नालों के पास जाने पर हाई अलर्ट जारी किया गया है। कलेक्टर इलैया राजा टी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव समेत सभी जनप्रतिनिधि भी सड़क पर उतरकर राहत कार्यों में लगे हैं।
बिजली चालू रखने में कड़ी मशक्कत
शहर में अत्यधिक बारिश, मौसम बिगड़ने से इंदौर शहर वृत्त के 525 में से 11 केवी के 46 फीडरों में अलग-अलग समय में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। इस दौरान 19 जगह लाइनों पर पेड़, बड़ी शाखाएं गिरने से आपूर्ति में अवरोध की स्थिति निर्मित हुई। साथ ही 8 स्थानों पर तार और केबल टूटे। अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था एक घंटे से अधिकतम चार घंटे में बहाल की गई। इस दौरान 450 कर्मचारी तथा अधिकारी कार्य पर लगे।